जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के पदूमपुर ग्राम निवासी एक बलात्कार पीड़ित महिला पिछले दो माह से न्याय के लिए दर दर भटक रही थी। पीड़िता की नही सुनी जा रही थी फरियाद। न्याय की आस में अनगिनत बार थाने का चक्कर लगाने के बाद आखिरकार पीड़िता पहुँची पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा के दफ्तर।
पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से अपने साथ हुए अन्याय की आपबीती बता कर लगाई न्याय की गुहार। एसपी ने पीड़िता को भेजा सरायख्वाजा थाना। आखिरकार दो माह बाद एसपी के आदेश पर दर्ज हुआ पीड़िता के ससुर पर मुकदमा।आपको बता दें कि पदुमपुर निवासी एक पीड़ित महिला ने अपने ससुर पर ही बलात्कार का गंभीर आरोप लगाया है महिला का आरोप है कि उसके ससुर अजीत मौर्या उर्फ लाले मौर्या सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के ककोरगहना गांव के निवासी है जो मेरे पिता को रुपये पैसे की चमक धमक दिखाते हुए उन्हें बहला फुसलाकर अपने मानसिक रोगी पुत्र आलोक मौर्या का ब्याह मेरे साथ करने के लिए राजी कर लिया। और फिर विवाह के पहले अपने घर बुलाने लगे।
मेरे पिता ने इस बात का विरोध नहीं किए की कहीं रिस्ता बिगड़ न जाये। विवाह के बाद मेरा आधार कार्ड बनवाने के बहाने लखनऊ ले जाकर बलात्कार किए। जिसके कारण पीड़िता गर्भवती हो गई। जिसके बाद ससुर द्वारा नगर के एक अस्पताल में उसका गर्भपात कराने की बात बताई गई है।पीड़िता द्वारा बताया गया कि जब वह ससुर की मनमानी हरकत का विरोध करने लगी तो उसके मायके वालों को मारने पीटने व उसे ससुराल से भगा देने की धमकी देकर ससुर द्वारा पीड़िता के साथ बेहद घिनौना कृत्य किया जाता रहा हैं।
जब पीड़िता ने लगातार विरोध करना शुरू किया तो पीड़िता के पिता को बुला कर उसे विदा करते समय यह कहा गया कि मेरे पुत्र को फिर से मानसिक दौरा पड़ने के कारण वह बीमार चल रहा है जब वह ठीक हो जाएगा तब विदाई करायेंगे। जब पीड़िता अपने पिता के साथ घर पहुँची तो कुछ दिन बाद ही उसके ससुर ने फोन कर उससे मिलने के लिए जोर देते हुए दबाव बनाने लगा। पीड़िता के ससुराल में उसके साथ उसके पिता समान उसके ससुर द्वारा किए गए घिनौने कृत्य का पूरा काला चिठ्ठा अपने परिजनों को बताई तो परिवार वालों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई जिसके बाद परिजनों ने बेटी के साथ घिनौना कृत्य करने वाले ससुर के खिलाफ मुकदमा लिखाने सरायख्वाजा थाने पर गए थे।पीड़ित महिला ने आरोप लगाते हुए बताया कि सरायख्वाजा थाना पुलिस ने मेरी फरियाद को दर किनार करते हुए कोई सुनवाई नहीं की। जब पीड़िता को थाना पुलिस द्वारा कोई न्याय नहीं मिला तो थक हारकर पीड़िता अपने गाँव के प्रधानपुत्र अंकुल मौर्या के पास गयी। तब प्रधानपुत्र ने गांव की बहन को न्याय दिलाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज कराया उसके बाद भी पीड़ित महिला को थाना पुलिस द्वारा किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली तो पीड़ित 21 जून को जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाना पड़ा। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उसकी फरियाद सुनते ही थाना प्रभारी सरायख्वाजा को पीड़िता का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने का निर्देश दिए। साभार टीएम।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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