कानपुर। बर्रा विश्वबैंक की छात्रा के अपहरण में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। छात्रा का बंधक बना वीडियो पिता को भेजकर 10 लाख की फिरौती मांगने के दो घंटे बाद ही छात्रा अपने प्रेमी के साथ गले में हाथ डालकर लखनऊ के हजरतगंज में घूमते हुए सीसी कैमरे में कैद हुई।
इस वीडियो के मिलने के बाद पुलिस मान रही है कि यह प्रकरण अपहरण का नहीं बल्कि एक साजिश है।
शनिवार को एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय के नेतृत्व में बनी पुलिस टीम लखनऊ गई, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले दोनों वहां से भी कहीं और निकल गए। वहीं, दूसरी ओर शनिवार को छात्रा व उसके प्रेमी के कई वीडियो इंस्टाग्राम पर भी प्रचलित हुए और शनिवार को भी कथित अपहर्ताओं की ओर से एक फोन कॉल छात्रा के परिवार के पास पहुंची।
बर्रा विश्वबैंक निवासी 21 वर्षीय छात्रा शुक्रवार शाम घर से निकली थी लेकिन काफी देर बाद भी नहीं लौटी। करीब आठ बजे उसके नंबर से पिता के मोबाइल फोन पर एक वीडियो आया, जिसमें छात्रा के मुंह और हाथ बंधे और बाल बिखरे हुए थे। वह रोते हुए गुहार लगा रही थी। इसके बाद एक आडियो भी भेजा गया, जिसमें 10 लाख रुपये की मांग की गई। वीडियो व आडियो सुनकर स्वजन के हाथ-पैर फूल गए। उन्होंने बर्रा थाने में शिकायत की। अपहरण और फिरौती सुनकर पुलिस अधिकारी हरकत में आए।
एडीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा ने टीम गठित कर अलग-अलग स्थानों के सीसी कैमरे जांचे। इस दौरान जूही कलां स्थित अहाना मेडिकल सेंटर के सीसी कैमरे में शाम 4.17 बजे छात्रा व एक युवक दिखा। छात्रा वहां दवा लेने पहुंची थी। इसके बाद पुलिस ने उस युवक की तलाश की तो वह बर्रा छह निवासी राज सिंह निकला। देर रात पुलिस टीम उसके घर पहुंची तो वह गायब मिला। पुलिस उसके दो सगे व एक चचेरे भाई को उठाकर थाने ले गई। देर रात शहरभर के कई होटलों की जांच की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
इस बीच राज का इंस्टाग्राम अकाउंट जांचा गया तो उसमें छात्रा संग कई वीडियो दिखे। राज की चाची व भाभी से जानकारी हुई कि छात्रा का दो साल से राज से प्रेम प्रसंग है और वह आए दिन घर पर आती है। शनिवार को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से लोकेशन ट्रेस की तो लखनऊ की निकली।
एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय ने बताया कि लखनऊ के हजरतगंज में छात्रा और उसका प्रेमी राज हाथों में हाथ डाले घूमते हुए सीसी कैमरे में दिखे हैं। उनकी टीम वहां पहुंची, लेकिन इससे पहले उन्होंने ठिकाना बदल दिया। यह वीडियो फिरौती वाले वीडियो व फोन कॉल के दो घंटे के बाद है, जिससे साफ है कि जो सामने आ रहा है, उसमें कुछ गड़बड़ है। एसीपी ने बताया कि जानकारी मिली थी कि छात्रा रुड़की आइआइटी में चयनित हुई है, लेकिन बाद में पता चला कि वह किसी प्राइवेट कॉलेज में इंजीनियरिंग कॉलेज में है।
पिता के पास आई वाट्सएप कॉल, छात्रा बोली-बचा लो पापा
शुक्रवार रात आठ बजे छात्रा का वीडियो भेजने के बाद ऑडियो रिकार्डिंग भी भेजी थी। उसमें अपहर्ता ने कहा कि वह जानता है कि 10 लाख की इतनी जल्दी व्यवस्था नहीं हो सकती है। इसलिए वह शनिवार शाम छह बजे तक का वक्त दे रहा है। रुपये की व्यवस्था करके बेटी के खाते में डालने को कहा।
इसके बाद शनिवार शाम छह बजे ही छात्रा के मोबाइल से पिता के पास वाट्सएप कॉल आई। छात्रा रोते हुए बोल रही थी कि पापा बचा लो। इन लोगों ने उसे एक कमरे में बंद करके रखा है। ये लोग पता नहीं क्या करेंगे, इसके बाद फोन कट गया। एसीपी ने बताया कि उस नंबर के आधार पर लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
चोरी-लूट में जा चुका जेल, छात्रा ने ही छुड़वाया था
राज की भाभी ने बताया कि उसके माता-पिता का निधन हो चुका है। राज चार भाई हैं। दो बड़े भाई घर के भूतल में रहते हैं, जबकि राज पहली मंजिल पर रहता है। चौथा भाई आर्यन श्याम नगर में रहता है। भाभी ने बताया कि राज शुरू से ही आपराधिक प्रवृत्ति का है। इसलिए दोनों बड़े भाई व उनके परिवार का उससे व आर्यन से कोई लेना देना नहीं है।
राज तीन साल पहले एक फैक्ट्री में काम करता था। वहां उसने आर्यन के जरिये खुद के हाथ-पैर बंधवाकर लैपटाप समेत काफी सामान लूटा था, जिसमें पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। राज स्कूटी चोरी में भी जेल जा चुका है। उसे इसी छात्रा ने जमानत पर छुड़वाया था।
कहीं इसलिए तो नहीं हुआ अपहरण!
पुलिस के अनुसार राज यूट्यूबर है और इंस्टाग्राम पर आए दिन रील बनाता है। इसके अलावा उसके पास कोई काम नहीं है। राज का पूरा खर्च छात्रा ही उठाती है। चर्चा है कि पूर्व में राज की जमानत के लिए छात्रा ने करीब डेढ़-दो लाख रुपये अपने बैंक खाते से निकॉलकर लगाए थे। अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए उसे जाना है। उसकी फीस से लेकर अन्य खर्चों के लिए जब घरवालों से बात की तो उन्होंने बैंक में रुपये होना बताया था।
इसके बाद छात्रा ने बैंक से शिक्षा के लिए लोन का आवेदन किया लेकिन वह निरस्त हो गया। इसके बाद उसने राज से रुपये मांगे थे। आशंका है कि राज ने रुपये न देने पड़ें, इसलिए इस तरह की घटना को अंजाम दे दिया। साभार जेएनएन।
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सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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