पटना। राजधानी पटना में डीएसपी के पद पर तैनात रहने के दौरान गलत रिपोर्ट देकर बेकसूरों को जेल भेजने के मामले में डीएसपी मोहम्मद शिबली नोमानी की मुश्किल में बढ़ती नजर आ रहीं हैं. बिहार सरकार के गृह विभाग ने डीएसपी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई का निर्देश जारी कर दिया है.
उनसे 10 कार्य दिवसों के समान प्रशासन के मुख्य जंच आयुक्त के कार्यालय में शारीरिक तौर पर उपस्थित होने को कहा गया है. शिवली नोमानी मौजूदा समय में बिहारशरीफ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं.
मामला साल 2017 का है, तब पटना में डीएसपी विधि व्यवस्था के पद पर तैनात रहने के दौरान बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज तीन कांडों की पर्यवेक्षण रिपोर्ट में गड़बड़ी करने का आरोप है. डीएसपी शिवली नॉमिनी पर आरोप है कि त्रुटि पूर्ण पर्यवेक्षक टिप्पणियों में बिना किसी साक्ष्य साजिशपूर्वक उन्होंने कांड को ट्रू घोषित कर दिया, जिसके कारण निर्देश लोगों को जेल में रहना पड़ा. इस गलत परीक्षण के कारण डीएसपी शिवली नोमानी पूर्ण रूप से दोषी बताए गए हैं.
उधर एक अन्य मामले में गृह विभाग द्वारा गर्दनीबाग के तत्कालीन थानाध्यक्ष और सेवानिवृत्ति डीएसपी बलराम प्रसाद को पेंशन कटौती का दंड तय किया गया है. रेलवे की चोरी का सामान जब्त किए जाने के बावजूद गर्दनीबाग थानाध्यक्ष रहने के दौरान बलराम प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी, और इसी कारण उन्हें सजा सुनाई गई है. साभार न्यूज 18.
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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