ढाक के तीन पात कहावत को चरितार्थ करते टास्क फोर्स के 20 सदस्य,महज 5 स्कूल का करना था निरीक्षण, किया एक भी नहीं

ढाक के तीन पात कहावत को चरितार्थ करते टास्क फोर्स के 20 सदस्य,महज 5 स्कूल का करना था निरीक्षण, किया एक भी नहीं

जौनपुर। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए जिला और ब्लाक स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। टास्क फोर्स के सदस्यों को हर महीने कम से कम पांच विद्यालय में जाकर निरीक्षण करना होता है, लेकिन जिले के 20 ऐसे सदस्य हैं जिन्होने पांच दिन तो छोड़िए एक दिन भी स्कूल में झांकने नहीं गए।

इसका खुलासा हुआ तो जिलाधिकारी ने ऐसे सदस्यों का वेतन एक-एक दिन का रोकने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग अब जिले के सभी ब्लाकों और जिले स्तर के टास्क फोर्स के सदस्यों के कुल निरीक्षण का आंकड़ा जुटा रहा है।
मंगलवार की शाम को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में जब निरीक्षण की समीक्षा होने लगी तो पता चला कि कई अधिकारी एक दिन भी निरीक्षण नहीं किए हैं। इसपर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने निर्देश दिया कि जिन्होंने सितंबर में लक्ष्य के सापेक्ष विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया है उनका एक दिन का वेतन अवरुद्ध किया जाए। कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन योजना, केजीबीवी में व्यय आदि के संदर्भ में जानकारी ली। जिला स्तर पर अध्यापक प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल को निर्देश दिया। ऑपरेशन कायाकल्प की भी समीक्षा की गई। बरसठी में सर्वाधिक पेंडेंसी फर्नीचर की अनुपलब्धता की पाई गई। धर्मापुर एबीएसए से बाउंड्री वॉल निर्माण की प्रगति के संदर्भ में जानकारी लेते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि जिन भी विद्यालयों में बाउंड्रीवॉल अथवा टाइलीकरण नहीं हुआ है वहां बाउंड्री वॉल निर्माण कराएं। इस मौके पर सीडीओ साई तेजा सीलम, डीडीओ विजय यादव आदि मौजूद थे। साभार ए यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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