आगरा। अपराधी शातिर हो गए हैं। मोबाइल बंद रखते हैं। सर्विलांस के जाल में नहीं फंसते। इटरनेट कॉलिंग करते हैं। विदेशी नंबरों का प्रयोग करते हैं। रूप बदल लेते हैं। उन तक पहुंचने के लिए एसटीएफ ने भी अपना तरीका बदला है।
रूप बदलने लगी है। ऐसी पुलिसिंग फिल्मों में देखने को मिलती है। अचानक पता चलता है कि ऑटो ड्राइवर तो पुलिस ऑफीसर है। एसटीएफ आगरा यूनिट भी इन दिनों ऐसा ही कुछ कर रही है। कोई बाबा बनकर सुराग जुटा रहा है तो कोई भिखारी बनकर।
हाल ही में विजय नगर कालोनी में नकली देसी घी की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। बड़ा इलाका है। किस घर में फैक्ट्री चल रही है एसटीएफ को नहीं पता था। एसटीएफ में तैनात एक इंस्पेक्टर ने बाबा का रूप धारण किया। गली-गली घूमे। कोठियों के दरवाजे खटखटाए। किसी से पीने को पानी मांगा तो किसी से खाने को फल। घूमते-घूमते उस कोठी पर जा पहुंचे जहां नकली घी की फैक्ट्री चल रही थी। सुराग जुटाए। छापा पड़ा।
अकेले इंस्पेक्टर ही नहीं वर्तमान में एसटीएफ आगरा यूनिट में हर पुलिस कर्मी ने कोई न कोई रूप धारण करने की ट्रेनिंग ली है। एक पुलिस कर्मी विकलांग बनकर चलता है। जैसे पैर खराब है। मुंह टेढ़ा करके घंटों बात कर सकता है। एक पुलिस कर्मी ने लंबी चोटी रख ली है। माथे पर टीका रहता है। कुंडली देखकर सुराग जुटाते हैं। चोटी वाले अपनी चोटी के जाल में कई पेशेवरों को फंसा चुके हैं। ग्रहों की दशा सुधारने के उपाय बताते हैं। एक पुलिस कर्मी बेटे की नौकरी के बहाने सॉल्वर गैंग की जानकारी जुटाता है।
एक पुलिस कर्मी ने ठेल खरीद रखी है। जब भी जरूरत पड़ती है सुराग जुटाने के लिए ठेल पर सब्जी लेकर निकल पड़ता है। एसटीएफ आगरा यूनिट पिछले छह माह में दो दर्जन बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है। कई गैंग बेनकाब किए हैं। ज्यादातर बदमाश इनामी थे। वेश बदलकर इधर-उधर रह रहे थे। उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस कर्मी बेलदार और मिस्त्री तक बने। उन मजदूरों के साथ सुबह-सुबह खड़े हुए जो दिहाड़ी पर काम करते हैं।
मेकअप आर्टिस्ट से ली ट्रेनिंग
एसटीएफ आगरा यूनिट में तैनात पुलिस कर्मियों ने सिर्फ रूप बदलने की कला ही नहीं सीखी है। धर्म विशेष के बीच जानकारी जुटाने के लिए उनके तौर तरीके भी सीखे हैं। उनके धर्म का ज्ञान लिया है। रूप बदलने के लिए मेकअप आर्टिस्ट से ट्रेनिंग ली है। सभी के पास अपने-अपने कास्टयूम हैं। किसी ने ऑफिस में रख रखे हैं तो कोई गाड़ी में साथ लेकर चलता है। साभार एचटी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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