बरेली। अलग-अलग समुदाय का होने के कारण उजमा के घरवालों ने शादी का विरोध किया तो भागीरथ के साथ उन्होंने घर छोड़ दिया। रविवार को सुभाषनगर के अगत्स्य मुनि आश्रम में आचार्य केके शंखधार ने विधि विधान से उनकी शादी कराई।
अब उजमा ने अपना नाम उर्मिला रख लिया है। लड़की ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। उसे खतरे का डर सता रहा है।
पीलीभीत में थाना न्यूरिया के गांव हुल्करी ढकिया गांव के निवासी भागीरथ और उजमा के बीच दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी को तैयार थे लेकिन उजमा के घरवाले दीवार बन गए। साथ ही उनके लिए रिश्ते देखना शुरू कर दिया। इस पर दोनों ने अपने भविष्य को देखते हुए घर छोड़ने का निर्णय लिया। फिर रविवार को दोनों अपना घर छोड़कर सुभाषनगर के मोहल्ला मढ़ीनाथ स्थित अगत्स्य मुनि आश्रम में आचार्य केके शंखधार के पास पहुंचे और खुद को बालिग बताकर विवाह करने की इच्छा जताई।
इसके बाद आचार्य ने उजमा का शुद्धिकरण कराया और विधि विधान से दोनों के विवाह की रस्म पूरी कराईं। इसके बाद उर्मिला ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से भागीरथ से शादी की है। उन्होंने हिन्दू धर्म स्वीकार करके अपना नाम उर्मिला रख लिया है। उन्होंने अपने परिवार वालों से जान का खतरा बताते हुए पुलिस अफसरों से सुरक्षा की गुहार लगाई है। साभार एचटी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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