मुरादाबाद । जिले में स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही सामने आई है. मुरादाबाद जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां 12वीं पास व्यक्ति झोलाछाप डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज कर रहा था.
साथ ही अपना अस्पताल भी चला रहा था. छोलाछाप डॉक्टर के अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी की. वहां से बड़ी संख्या में इंजेक्शन और दवाइयां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्राप्त हुईं. यह सब देख स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पूरे प्रकरण को लेकर थाना बिलारी में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस में दर्ज शिकायत में डॉक्टर संजीव बेनीवाल ने कहा कि जो एंटीबायोटिक हजारों की संख्या में इस्तेमाल किए गए. उसे किसी मामूली व्यक्ति द्वारा देने से किसी मरीज की जान भी जा सकती है.
कई विभागों से मिली शिकायत
बिलारी के जिस अस्पताल पर छापेमारी की गई है. उस पर कार्रवाई इस वजह से संभव हो पाई है क्योंकि शिकायतकर्ता ने कई अन्य विभागों को पहले से शिकायत की थी. तब यह जाकर शिकायत एसीएमओ के पास पहुंची थी. इसकी वजह से हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. 12वीं पास छोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत प्राप्त होते ही पूरे प्रकरण में क्लीनिक चलाने वाले 12वीं पास चंद्रभान और उस अस्पताल के मालिक महावीर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 की धारा 15 (2),15 (3) के तहत केस दर्ज किया है. मामले की जांच शुरू कर दी है.
400 से 500 मरीज के रखे हुए थे पर्चे
एसीएमओ डॉक्टर संजीव बेनीवाल द्वारा जब अस्पताल में छापेमारी की गई तो उनके होश उड़ गए. अस्पताल के अंदर 400 से 500 मरीज के पर्चे रखे हुए थे. जब अस्पताल की तलाशी ली गई तो भारी मात्रा में एंटीबायोटिक इंजेक्शन प्राप्त हुए. इसको देखते हुए संजीव बेनीवाल ने एंटीबायोटिक पॉलिसी का उल्लंघन मानते हुए मरीज को गलत उपचार का अंदेशा लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी. पुलिस ने मामले में केस दर्ज करते हुए 12वीं पास छोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. साभार टीवी 9.
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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