फर्जी दस्तावेज के जरिए लोन देने वाले वरिष्ठ और सहायक प्रबंधक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

फर्जी दस्तावेज के जरिए लोन देने वाले वरिष्ठ और सहायक प्रबंधक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

आजमगढ़। रौनापार थाना की पुलिस ने फर्जी लोन देने के मामले में रौनापार स्थित काशी गोमती ग्रामीण बैंक के रिटायर वरिष्ठ और सहायक प्रबंधक को गिरफ्तार किया है। इन पर फर्जी दस्तावेज के जरिए पीड़ित के खाते से दूसरे को केसीसी लोन देने का आरोप है।

तहसील से लोनमाफी का कागजात घर पहुंचने पर मामले की जानकारी हुई थी। रौनापार थाना क्षेत्र के देवारा गरीब दूबे गांव निवासी रामनवल के मुताबिक, बैंक ने उसकी खतौनी पर जारी किसान क्रेडिट कार्ड दूसरे को दे दिया। जिस पर जालसाजों ने एक लाख 39 हजार 628 रुपये का ऋण ले लिया। ऋणमाफी योजना के तहत लेखपाल पीड़ित को लाभ देने के लिए घर पहुंचा तो 11 सितंबर 2017 को मामले की जानकारी हुई। इस पर रामनवल ने बैंक जाकर जानकारी मांगी तो मैनेजर ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि बैंक प्रबंधक, फील्ड आफिसर, एक अज्ञात व दो गवाह की मिलीभगत से फर्जी लोन लिया गया। पीड़ित बैंक व थाना सहित पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटता रहा, लेकिन रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। इस पर उसने कोर्ट की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने सात मार्च 2023 को तत्कालीन बैंक प्रबंधक, फील्ड आफिसर, एक अज्ञात, दो गावाह अज्ञात के विरुद्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की जांच कर रहे उपनिरीक्षक उमाशंकर ने बताया कि विवेचना के दौरान काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक रौनापार के तत्कालीन सहायक प्रबधंक जयप्रकाश सिंह निवासी करखिया रुस्तम सराय थाना रौनापार व तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक श्याम नरायन राम निवासी कोल पांडेय, रामायन मार्केट, नगर कोतवाली (मूल पता भौर्रा मकबूलपूर थाना कंधरापुर) का नाम प्रकाश में आया। मुखबिर की सूचना पर बुधवार को दोनों को करमैनी पेट्रोलपंप के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। इस समय दोनों सेवानिवृत्त हो गए हैं। साभार एचटी।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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