सम्भल । जिले में पति को जिंदा जलाकर मारने के मामले में अदालत ने दोषी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने हत्यारी पत्नी को सजा सुनाते हुए 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया है.
रंग काला होने के कारण पत्नी ने अपने पति को तेल डालकर जिंदा जला दिया था. हालांकि, कोर्ट के फैसला सुनाए जाने के बाद पुलिस ने आरोपी महिला को जेल भेज दिया है. वहीं, दूसरी तरफ मृतक के भाई ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया है.
दरअसल, साल 2019 में 15 अप्रैल को कुढ़फतेहगढ़ थाना इलाके के बिचैटा गांव के निवासी सत्यवीर सिंह (25) को तेल डालकर जिंदा जला देने की घटना सामने आई थी. भाई हरवीर सिंह ने मृतक की पत्नी प्रेमश्री पर ही आरोप लगाया था. मृतक की पत्नी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया.
परिजनों का आरोप था कि शादी के बाद से ही प्रेमश्री अपने पति सत्यवीर का सांवला रंग होने की वजह से अक्सर तानेबाजी करती थी और काला-कलूटा भी कहा करती थी. पुलिस ने घटना की जांच पड़ताल पूरी की तो सम्भल जिले के चंदौसी स्थित कोर्ट में केस का ट्रायल शुरू हुआ. जहां कोर्ट में मृतक युवक सत्यवीर के परिजनों ने लगातार मुकदमे की पैरवी की.
इसके बाद 4 साल तक मुकदमे की सुनवाई चलने के बाद सोमवार को सम्भल जिले की अदालत के अपर सत्र सत्र न्यायाधीश ने मृतक की आरोपी पत्नी को हत्या का दोषी माना और फैसला सुनाया.
सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव ने मृतक सत्यवीर सिंह की पत्नी प्रेमश्री को पति की हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही हत्या का दोष सिद्ध होने पर हत्यारी महिला पर 25 हजार का अर्थदंड लगाया. महिला पुलिस ने हत्यारी प्रेमश्री को जेल भेज दिया है. वहीं, उम्र कैद की सजा का फैसला सुनाए जाने के बाद मृतक सत्यवीर सिंह के भाई ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया है.
'घर में बर्तन तक साफ नहीं करती थी'
मुकदमे के वादी हरवीर सिंह ने बताया कि हमारे भाई (मृतक सत्यवीर) की पत्नी प्रेमश्री घर में बर्तन तक साफ नहीं करती थी और रंग काला होने की वजह से पति को बार-बार काला कलूटा कहती थी. साथ ही बार बार अपने लायक नहीं होने की बात भी कहती रहती थी. एक दिन हम लोग खेत पर गेहूं काटने के लिए गए हुए थे, तभी प्रेमश्री ने सोते हुए भाई को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया.
'ऐसे लोगों के साथ यही होना चाहिए'
कोर्ट के फैसले पर मृतक सत्यवीर के पिता महेंद्र सिंह का कहना है कि बहू ने मेरे बेटे को जिंदा जलाकर मार दिया था. मेरा बेटा सांवला था और वह गोरी थी. कोर्ट के फैसले से हम लोग संतुष्ट हैं और ऐसे लोगों के साथ यही होना चाहिए.
वहीं, मुकदमे में वादी पक्ष की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता हरीश सैनी का कहना है कि सारे गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी महिला प्रेमश्री को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 25 हजार का अर्थ दंड लगाया है. साभार आज तक।
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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