गाजीपुर। माध्यमिक शिक्षा परिषद की पिछले साल हुई परीक्षाओं में गंभीर अनियमितता बरतने वाले और सामूहिक नकल कराने वाले प्रदेश के 199 विद्यालयों की मान्यता समाप्त करने की शासन स्तर पर तैयारी जारी है।
इसमें जिले के भी 16 विद्यालय शामिल हैं। इस संबंध में संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों और बोर्ड के पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मंगलवार को संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं प्रबंधकों खलबली मच गई। शासन की ओर से अभी तक ऐसे विद्यालयों की सूची को गोपनीय रखा गया है, लेकिन शीघ्र ही ऐसे विद्यालयों की सूची जिलाधिकारी की तरफ से जारी कर दी जाएगी।
सितंबर माह में प्रदेश के जिलों में अवैध रूप से संचालित माध्यमिक विद्यालयों की जांच विभाग की ओर से कराईं गई थी। जांच रिपोर्ट जिला विद्यालय निरीक्षकों की ओर से 30 सितम्बर तक माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दी गई थी। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव का निर्देश पत्र सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों और माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजा गया था। इस निर्देश के क्रम में ही गहन जांच की प्रक्रिया पूर्ण कराईं गई। यह जांच जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संगठनों की ओर से शासन में अमान्य विद्यालयों के संचालित होने के खिलाफ की गई शिकायत के आधार पर शुरू हुई थी। इससे पूर्व सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों ने अपने-अपने जिलों में जांच कर कोई भी अमान्य विद्यालय संचालित नहीं होने की रिपोर्ट विभाग एवं शासन को भेजी थी। जांच के दायरे में उन सभी विद्यालयों को शामिल किया गया है जो अवैध एवं बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। ऐसे सभी अमान्य विद्यालयों के अनधिकृत छात्रों का अपने यहां अनधिकृत रूप से प्रवेश लेने वाले मान्यता प्राप्त विद्यालयों को भी जांच के दायरे में रखा गया था। जिला विद्यालय निरीक्षकों को यह सुनिश्चित कर लेने को कहा गया था कि उनके जिले में कोई भी गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित नहीं हो रहा है। इसके अलावा यह भी देखना था कि कोई बिना मान्यता की संस्था द्वारा अनधिकृत रूप से परिषद की ओर से मान्य संस्थाओं में अनधिकृत छात्रों का प्रवेश कराने का कुप्रयास तो नहीं किया गया है। इसी बीच मीडिया में प्रसारित खबर से हड़कंप मच गया। विगागीय सूत्रों के मुताबिक जिले से कार्रवाई के लिए सूची भेजी गई थी। हालांकि मामला शासन स्तर का होने के कारण कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। इस संबंध में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी का कहना है कि अभी तक उन्हे कोई इस तरह की सूचना नहीं है। हो सकता है शासन स्तर पर कार्रवाई की गई हो। साभार ए यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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