अंबेडकरनगर। जिले के छह ब्लाॅकों में तैनात परिषदीय स्कूलों के 30 प्रधानाध्यापकों को निलंबन का नोटिस दिया गया है। ऑपरेशन कायाकल्प से लेकर विद्यालयों को निपुण बनाने, बच्चों की उपस्थिति तथा अन्य बिंदुओं पर खराब प्रगति के चलते नोटिस जारी हुआ है। डीएम की समीक्षा के बाद जारी नोटिस में कहा गया कि 15 दिन में यदि सुधार न हुआ तो सभी को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता तय करने, संसाधनों की बेहतरी तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति समेत एमडीएम की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिला प्रशासन ने इन दिनों विशेष अभियान शुरू कर रखा है। तीन-तीन ब्लाॅकों के अधिकारियों, शिक्षकों को बुलाकर उनसे सीधे बैठक की जा रही।
दो दिन पहले कटेहरी, भीटी व अकबरपुर ब्लाॅक की समीक्षा हुई जबकि एक दिन पहले बृहस्पतिवार देर शाम रामनगर, बसखारी व जहांगीरगंज ब्लाॅक की समीक्षा की गई। सभी छह ब्लाॅक के खंड शिक्षा अधिकारियों ने पीपीटी के माध्यम से अपने अपने ब्लाॅक से जुड़ी प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया।
डीएम अविनाश सिंह व सीडीओ अनुराज जैन ने इसमें प्रत्येक ब्लाॅक से खराब प्रगति वाले पांच-पांच प्रधानाध्यापकों को भी बुलाया। उन्हें सभी बिंदुओं पर खराब प्रगति के लिए फटकार लगाई। निर्देश दिया कि इन सभी को नोटिस जारी कर दिया जाए।
बीएसए बीपी सिंह ने बताया कि छह ब्लाॅक के खराब प्रगति वाले तीन प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर कर दिया गया है। इसमें निलंबन से लेकर अनिवार्य सेवानिवृत्त की चेतावनी दी गई है। 15 दिन के भीतर सुधार की रिपोर्ट साक्ष्य सहित न देने पर यह कार्रवाई कर दी जाएगी।
नहीं दे पाए साधारण सवालों का जवाब
खराब प्रगति वाले जिन प्रधानाध्यापकों को डीएम व सीडीओ ने कलेक्ट्रेट में तलब किया था वे सामान्य ज्ञान के साधारण प्रश्नों का भी जवाब नहीं दे पाए। किसी को राज्यपाल का नाम नहीं पता तो कोई उपराष्ट्रपति का नाम नहीं बता पाया। निपुण अभियान से लेकर कई अन्य बिंदुओं की पूरी जानकारी भी कई प्रधानाध्यापक नहीं दे सके। डीएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि साधारण सी जानकारी जब इन सबको नहीं है तब बच्चों को शिक्षा कैसे बेहतर ढंग से दे सकेंगे। डीएम ने कहा कि प्रधानाध्यापकों को बुलाने का यह अभियान आगे भी चलेगा। इसमें संकुल व नोडल शिक्षकों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। आगे उन्हें भी बुलाकर यह जाना जाएगा कि वे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किस ढंग से कर रहे हैं। साभार ए यू।
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सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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