नही रुक रहा है आत्महत्याओं का सिलसिला,पांच दिन में सात ने लगाया मौत को गले

नही रुक रहा है आत्महत्याओं का सिलसिला,पांच दिन में सात ने लगाया मौत को गले

जौनपुर। जिले में पांच दिनों के भीतर सात लोगों ने मौत को गले लगा लिया। हालांकि सभी ने अलग-अलग तरीका अपनाया। अभी तक पुलिस की जांच में खुदकुशी करने का कारण स्पष्ट तो नहीं हो सका है, लेकिन सभी मामलों में किसी न किसी तरह का तनाव ही सामने आया है।

13 अक्तूबर को जौनपुर शहर के रसूलाबाद के निवासी पूर्व प्रधानाचार्य के पौत्र शिवांश ने अपने दादा की बंदूक से खुद को गोली मार ली थी। वह नीट की तैयारी कर रहा था। इसके बाद 14 दिसंबर को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहकर बीफार्मा की पढ़ाई करने वाले गाजीपुर के छात्र विवेक ने जहर खाकर जान दे दी। शनिवार की सुबह यानी 16 दिसंबर को पूर्वांचल विश्वविद्यालय के ही छात्र नीरज ने फंदा लगाकर कर खुदकुशी कर ली। वहीं शनिवार ही जलालपुर के हौज गांव निवासी 17 वर्षीय राकेश चौहान ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली 17 दिसंबर को गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के एकौना कुछमुछ गांव में विवाहिता सिंपल कन्नौजिया(36) रविवार की शाम कमरे में शव साड़ी के फंदे से लटकता मिला। इसी तरह 18 दिसंबर को सोमवार को महराजगंज थाना क्षेत्र के कोबी गांव में निवासी जमुना प्रसाद सिंह उर्फ छोटू(43) का शव सोमवार की सुबह घर के सामने नीम के पेड़ की डाल पर रस्सी के सहारे लटकता मिला। इसी दिन सोमवार को मीरगंज थाना क्षेत्र के चौकी कला निवासी हवलदार सिंह(30) का शव कमरे में फंदे से लटकता मिला।
बोले मनोवैज्ञानिक
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की प्रो. जान्हवी श्रीवास्तव कहती हैं कि अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए कि बच्चे तनाव में न आएं। यदि बच्चों के हावभाव में परिवर्तन दिखे तो सतर्क हो जाना चाहिए। उनकी काउंसिलिंग करनी चाहिए। उनसे बात करने का प्रयास करें। इससे यह पता करने में आसानी होगी कि बच्चा किस वजह से तनाव में है। उसी अनुसार उसका उपचार भी होगा। साभार ए यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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