जौनपुर। दवा प्रतिनिधियों के अखिल भारतीय संगठन एफएम आरएआई के आह्वान पर जिले के दवा प्रतिनिधियों ने बुधवार को अपने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल किया। इसमें पांच मांग सरकार से व तीन मांगे नियोक्ताओं(नौकरी देने वाले) से रही।
इसमें दवा प्रतिनिधियों ने अपने लिए कार्य नियमावली की मांग की।
दवा प्रतिनिधि सुबह नौ बजे से शहर के भिन्न-भिन्न प्रमुख स्थानों पर पहुंचे। इसके बाद दोपहर 12 बजे इकाई कार्यालय के प्रांगण में एक विशेष आमसभा की गई। राज्य सचिव साथी नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि दवा प्रतिनिधियों के एकमात्र कानून सेल्स प्रमोशन इंपलाइ एक्ट 1976 को भी नियोक्ताओं के दबाव में यह सरकार समाप्त करने की कोशिश में है तथा आजादी के बाद अब तक दवा प्रतिनिधियों के लिए कोई कार्य नियमावली नहीं बनी हैं। इसे बनाने की मांग रखी गई। राज्य कार्यकारिणी सदस्य साथी राजेश रावत ने बताया कि आज तमाम अस्पतालों में यह कहा जाता है कि दवा प्रतिनिधियों का प्रवेश वर्जित है जो कि गैर कानूनी है। जिला सचिव अजय चौरसिया ने बताया कि आज सेल्स के नाम पर हमारे साथियों को परेशान किया जाता है। सेल्स एक व्यवसाय है और इसमें ऊपर से नीचे तक सारे कर्मचारी की जवाबदेही बराबर की होती है परंतु विडंबना यह है कि नियोक्ताओं द्वारा सेल्स के ग्राउंड पर दवा प्रतिनिधियों का उत्पीड़न किया जाता है। सर्विलांस व जीपीएस के माध्यम से हमारे साथियों की प्राइवेसी को भंग किया जा रहा है। इस मौके पर आलोक सिंह, अमित रंजन श्रीवास्तव, अच्युत दुबे, अजय सिंह, अनिल मिश्रा, अरुण सिंह, रवि सिंह, मुकेश मौर्य आदि रहे। आभार इकाई अध्यक्ष मनोज सिंह ने व्यक्त किया। साभार ए.यू।
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मनोज सिंह, अध्यक्ष UPMSRA |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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