JAUNPUR: रोगी करते रहे इंतजार चिकित्सक की ओपीडी कक्ष मिला बंद,अधीक्षक की कुर्सी खाली!

JAUNPUR: रोगी करते रहे इंतजार चिकित्सक की ओपीडी कक्ष मिला बंद,अधीक्षक की कुर्सी खाली!

जौनपुर। चिकित्सा व्यवस्था सुधारने के लिए किए जा रहे लाख प्रयास के बावजूद मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है।

शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुइथाकला की पड़ताल की तो हकीकत कुछ और आई।

किसी अस्पताल में चिकित्सक समय से नहीं पहुंचे तो किसी में जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अस्पताल में जांच और एक्स-रे के लिए मशीन है, इसके बावजूद बाहर से जांच और एक्स-रे कराई जा रही है। इन अस्पतालों पर जरूरी दवाएं भी बाहर की लिखी जा रही हैं। इससे मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

शाहगंज: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को टीम शुक्रवार की सुबह पौने नौ बजे अस्पताल पहुंची। पता चला कि अधीक्षक की कुर्सी खाली है। सभी चिकित्सक की ओपीडी कक्ष बंद मिले। मरीज बाहर अधीक्षक समेत चिकित्सकों के आने का इंतजार करते रहे। डाक्टर अभिषेक रावत, डा.आरबी यादव, डा. संजीव, डा.आकांक्षा सिंह के कक्ष का ताला खुला मिला लेकिन चिकित्सक नहीं थे। डा.जमालुद्दीन के ओपीडी का ताला ही नहीं खुला। बाहर बैठे मरीज डाक्टरों का इंतजार करते रहे। डा.हरिओम मौर्या, डा. आरके वर्मा अपने ओपीडी के आस पास नजर आए।

मरीजों का आरोप है कि बाहर की दवाइयां लिखी जाती हैं। एक्स-रे मशीन तो है फिर भी एक्सरे बाहर कराने को कहा जाता है। बाहर के पैथोलोजी में जांच भी करवाना पडता है। समोधपुर निवासी झपसू ने बताया कि दवा और जांच बाहर की लिख दी गई। धीरौली गांव निवासी अनीता ने बताया यूरिक एसिड बढ़ा है। इलाज कराने आई थी। चिकित्सक ने बाहर की दवा लिख दी है। चिकित्सा अधीक्षक रफीक फारुकी का कहना है कि अस्पताल आठ से दो बजे तक रहता है। ठंड में ओपीडी दस से चार की जाती है। बाहर की दवा लिखने के लिए मना किया गया है।

सुइथाकला: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर आए दिन नदारद रहते हैं। इससे मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। अमर उजाला की पड़ताल में शुक्रवार को सुबह 10 बजे से 10.55 तक ओपीडी में एक भी डॉक्टर नहीं पहुंचे थे। अधीक्षक एवं चिकित्सकों के कक्ष में ताले बंद मिले। फार्मासिस्ट के अलावा सारे चिकित्सक और कर्मचारी नदारद रहे। मरीजों ने बताया कि डॉक्टर अपने कक्ष में कभी समय से नहीं पहुंचते हैं। जब मर्जी करें तब चले जाते हैं। इससे मरीज को अस्पताल का चक्कर काटना पड़ रहा हैं। सुकर्णा कला निवासी फूलचंद ने बताया कि वह अस्पताल में दवाई लेने के लिए आए थे लेकिन काफी देर यहां डॉक्टर ही नहीं आए हैं। सुइथाकला निवासी बुजुर्ग मीरा देवी ने बताया कि कुत्ते ने काट लिया है, चिकित्सक को दिखाना है। ठंडक में अस्पताल में इलाज के लिए आई हूं। चिकित्सक मौजूद नहीं हैं। कभी डॉक्टर समय पर नहीं मिलते हैं। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसपी यादव का कहना है कि चिकित्सकों को कहा गया है कि वह अपने समय में ओपीडी में बैठे। साभार ए यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
parmartimes@gmail.com

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