12 बजे तक डॉक्टरों की कुर्सियां खाली;तो कहीं के डाक्टर रहे नदारद,मायूस होकर घर वापस लौटे मरीज

12 बजे तक डॉक्टरों की कुर्सियां खाली;तो कहीं के डाक्टर रहे नदारद,मायूस होकर घर वापस लौटे मरीज

गाजीपुर। कहने को तो जिले के 62 स्वास्थ्य उपकेंद्रों एवं न्यू पीएचसी पर जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन स्थिति यह है कि महज कोरमपूर्ति से सप्ताह दर सप्ताह मरीजों का जहां आंकड़ा घट रहा है।

वहीं लोगों का मोहभंग होते जा रहा है। रविवार की दोपहर 12 बजे तक कहीं डॉक्टरों की कुर्सियां खाली रही तो कहीं के डाक्टर नदारद रहे। ऐसे में मरीजों को मायूस होकर घर वापस लौटना पड़ा। यहीं नहीं विशेषज्ञ चिकित्सक तो दूर प्राथमिक जांच तक की व्यवस्था नहीं है। दवा के नाम पर सिर्फ बुखार, जुमाम और पेट दर्द की दवा से ही काम चलाया जा रहा।
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही और डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के चलते शासन के उद्देश्य की पूर्ति पूरी होती नहीं दिखाई पड़ रही है। शहर के रजदेपुर स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दोपहर 12 बजे जन आरोग्य मेले का बैनर तो लगा था, लेकिन चिकित्सक डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव मौजूद नहीं थे। वे छुट्टी लेने और एलटी अखिलेश और नर्सिंग स्टाफ राजेश को मेले के संचालन की जिम्मेदारी दी है। जबकि नर्सिंग स्टाफ उस दौरान वहां मौजूद नहीं था। कमोवेश शहर के अन्य नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का था। बारा: विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधा न मिलने पर मरीजों की संख्या भी लगातार घटती जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य मेले के नाम पर कागजी कोरम पूर्ण किया जा रहा है। भदौरा ब्लॉक के चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जाता है, लेकिन कई स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की तैनात नहीं हैं। किसी भी पीएचसी पर जांच की व्यवस्था न होने से आरोग्य मेले में मरीज कम पहुंच रहे हैं। डॉक्टर भी औपचारिकता निभा रहे हैं। दुल्लहपुर: धामूपुर स्थित शहीद वीर अब्दुल हमीद न्यू पीएचसी पर डॉक्टर का पद खाली है। वहीं सिखड़ी और रेहटी मालीपुर में डॉक्टरों की तैनाती तो है, लेकिन चिकित्सकीय सुविधाएं नदारद हैं। कमोवेश यही हाल अन्य केंद्रों का भी है, जहां स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आरोग्य मेला सिर्फ नाम का रह गया है। कोई सुविधा नहीं है। महजकोरम पूर्ति की जा रही है। ऐसे में मरीजों का मोह भी भंग होता जा रहा है। - संतोष यादव, केशवपुर

डॉक्टरों की कमी से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सिर्फ महज कोरमपूर्ति की जा रही है। ऐसे में दूसरे जनपदों तक उपचार के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। - सुरेश पांडेय, मस्तीपुर।
कई दिनों से मौसम बदलने के कारण सर्दी-जुकाम से लोग ग्रसित हैं। स्वास्थ्य मेले में बेहतर उपचार की उम्मीद लेकर पहुंचने पर बिना किसी जांच और सुविधा के यहां पर होम्योपैथिक दवा देकर वापस कर दिया जाता है। - अलीशेर खां, प्रबंधक इंटर कॉलेज

सर्दी-जुकाम, बुखार से ग्रसित है। स्वास्थ्य मेले में जांच कराकर दवा लेने की आस लेकर अस्पताल आए थे, लेकिन उचित इलाज नहीं मिला। यहां जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर लक्षण देखकर मरीजों को दवाई दी जा रही है। - जफरुल्लाह। साभार ए यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
parmartimes@gmail.com

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने