जौनपुर। ब्रिटिश काल से बन रही इमरती को आखिरकार दो साल के अथक प्रयास से जीआई टैग मिल गया। जानकारी होते ही इमरती बनाने वाले परिवार के साथ साथ सरकारी महकमे में भी खुशी की लहर दौड़ गई।
उपायुक्त उद्योग हर्ष प्रताप सिंह ने बताया कि दो साल से जौनपुर की मशहूर इमरती को जीआई टैग दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा था। नई पहचान से जौनपुर की मशहूर इमरती को देश एवं विदेश में विशेष स्थान प्राप्त होगा।
जीआई टैग यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति है। दूसरा कोई नकल या अनुकरण नहीं कर सकता है। इसकी वैधता 10 साल के लिए होती है। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मादड़ ने कहा कि जौनपुर की इमरती का जीआई का पंजीयन होने से देश विदेश में नई पहचान मिलेगी जो जनपदवासियो के लिये गर्व की बात है। सीडीओ तेजा सीलम सांई ने बताया कि यहां के उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराकर नए बाजार स्थापित होंगे। उपायुक्त उद्योग हर्ष प्रताप सिंह ने कहा कि जौनपुर के मशहूर मूली एवं मक्का के साथ जौनपुर इत्र के जीआई पंजीयन की प्रकिया शीध्र शुरू की जाएगी। पिछले दिनों आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इमरती की तारीफ मंच से की थी। खुद पूर्व पीएम चन्द्रशेखर भी इमरती को काफी पंसद करते थे। साभार एचटी।
फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
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