नकली नोटों के कारोबार का पर्दाफाश करने वाले IPS संतोष कुमार मिश्रा इन दिनों सुर्खियों में,आइए जानते हैं

नकली नोटों के कारोबार का पर्दाफाश करने वाले IPS संतोष कुमार मिश्रा इन दिनों सुर्खियों में,आइए जानते हैं

कुशीनगर। उत्‍तर प्रदेश में इन दिनों एक मामला काफी सुर्खियों में है, यहां कुशीनगर जिले में नकली नोटों के कारोबार का पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद यहां के पुलिस अधीक्षक आईपीएस संतोष कुमार मिश्रा भी सुर्खियों में आ गए हैं.

इससे पहले वो कई अन्‍य जिलों के भी एसपी रह चुके हैं. कुशीनगर के एसपी संतोष कुमार मिश्रा के IPS बनने की कहानी भी सानदार है. कैसे वो अच्‍छी खासी विदेश की नौकरी छोड़कर यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया और यूपीएससी पासकर IPS बना. इसके पीछे की कहानी भी सानदार है, तो चलिए जानते हैं 50 लाख पैकेज छोड़कर IPS बनने वाले कुशीनगर एसपी संतोष कुमार मिश्रा की कहानी के बारे में…

आपको बता दें कि संतोष कुमार मिश्रा 2012 बैच के IPS अधिकारी हैं, उसका परिवार मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले का है. संतोष कुमार मिश्रा ने आम युवाओं की तरह ही 12वीं तक पढ़ाई की और उसके बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला किया, पुणे यूनिवर्सिटी से उन्‍होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया. संतोष कहते हैं कि पिताजी के मिलेक्‍ट्री में होने की वजह से उनका भी देशसेवा के प्रति काफी झुकाव था, इसलिए उन्‍होंने NDA Exam भी दी थी, लेकिन बाद में इंजीनियरिंग करने के लिए वो पुणे चले गए. साल 2004 में न्‍यूयॉर्क की एक कंपनी में उनका प्‍लेसमेंट गया. संतोष कुमार मिश्रा कहते हैं कि उसका प्‍लेसमेंट तब हुआ तब एक डॉलर का रेट 30 रुपये था, इसलिए कंपनी ने जो पैकेज दिया था वो भारतीय रुपये में करीब 50 लाख रुपये होते थे. पैकेज अच्‍छा होने की वजह से मैंने ज्‍वाइन भी कर लिया और कई साल काम किया. अगर आज के समय में देखें तो यह करीब एक करोड़ रुपये से अधिक है.

नौकरी छोड़ने की वजह

वो लाखों की नौकरी क्‍यों छोड़ दी? संतोष कुमार मिश्रा का कहना है कि कि नौकरी तो अच्‍छी चल रही थी, लेकिन मन में एक बात हमेशा सताती थी कि हम देश के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं. संतोष इसके पीछे की वजह बताते हैं कि पिताजी लक्ष्मण मिश्रा के मिलेक्‍ट्री में होने की वजह से उनकी शिक्षा दीक्षा भी इसी परिवेश में हुई थी. इस स्थिति में उन्‍होंने नौकरी छोड़कर वतन वापसी करने का फैसला किया और वो भारत आ गए, हालांकि कई लोगों को उनका यह निर्णय अच्‍छा नहीं लगा, लेकिन साल 2011 में उन्‍होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और वो सेलेक्‍ट हो गए. वहीं एक साल की ट्रेनिंग के बाद वो IPS बन गए. साभार आई के।

आईपीएस संतोष कुमार मिश्रा,फाइल फोटो 

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

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