जौनपुर। टप्पेबाजी के आरोप में थाने में बैठाए गए आरोपी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की घटना को पुलिस ने फंदा लगाकर आत्महत्या करने की बात कही। इसे लेकर शाहगंज पुलिस पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
वजह कि सरकारी बयान में सुबह आठ बजे जब मटरू की मौत हुई तो 11 बजे उचक्कागिरी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
टप्पेबाजी के पीड़ित जमाल की तहरीर पर पुलिस ने मृतक बडौना गांव निवासी मटरू बिंद के ऊपर 19 अक्तूबर की सुबह करीब 11 बजे मुकदमा पंजीकृत किया। मृतक मटरू को गत शुक्रवार को उचक्कागिरी के आरोप में थाने में लाया गया था, जिसकी शनिवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे पुलिस अभिरक्षा में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मटरू ने कोतवाली परिसर में बने शौचालय की खिड़की में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक की मौत के तकरीबन ढाई घंटे बाद गजरिया गांव निवासी जमाल की तहरीर पर पुलिस ने मृतक के ऊपर उचक्कागिरी का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस को जमाल के द्वारा दी गई तहरीर में दर्शाया गया है कि मटरू बिंद की तबीयत खराब होने की वजह से पुलिस उपचार के लिए अस्पताल ले गई। जब उसकी तबीयत खराब थी और अस्पताल में भर्ती कराया गया तो शौचालय में फंदा कैसे लगा लिया। जिसकी चर्चा नगर समेत क्षेत्र में जोरों पर है। साभार ए यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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