Editorial: नयी शिक्षा नीति भारत के सभी छात्रों को विश्व स्तरीय, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, देने के लक्ष्य से बनायी गयी है। इस नीति से छात्रों की संज्ञानात्मक क्षमताओं (cognitive capacities), समस्या-समाधान दृष्टिकोण (Problem Solving attitude), को उजागर करने का प्रयास है।
नयी शिक्षा नीति भारत के सभी युवाओं में सामाजिक, नैतिक और भावनात्मक क्षमता को भी विकसित करने के उद्देश्य से भी तैयार की गयी है।
यह शिक्षा नीति न केवल छात्रों के लिए है बल्कि पूरे Indian education system को उन्नत करने के लिए बनायी गयी है, जिसमें छात्र, शिक्षक और पूरी शिक्षा प्रणाली शामिल है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति Technology, AI, Data Science को शिक्षा के छेत्र में अपनाकर इसमें और गुणवत्ता लाने का प्रयास करेगी ।साथ ही साथ शिक्षण व्यवसायों में प्रवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली शिक्षकों (brightest teachers) की भर्ती के लिए पर्याप्त training ओर assessment मॉडल भी बनाने का काम करेगी।
एनईपी 2020 संरचना (5+3+3+4) – NEP 2020 Structure
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) स्कूली शिक्षा में 10+2 के पुराने शैक्षणिक ढांचे को संशोधित और उन्नत करेगी। 5+3+3+4 का एक नया शैक्षणिक structure तैयार किया जाएगा जो 3-18 वर्ष की आयु के छात्रों को कवर करेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम का पुनर्गठन होगा और पुराने शैक्षणिक ढांचे को बदलकर नवीनतम शैक्षणिक ढांचे (new academic structure) में विकसित किया जाएगा।
वर्तमान 10+2 शैक्षणिक संरचना में 3-6 आयु वर्ग के बच्चों को कवर नहीं किया जाता है क्योंकि कक्षा एक 6 वर्ष की आयु से शुरू होती है। नई 5+3+3+4 संरचना (Academic Structure) में, प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा का एक मजबूत आधार Early Childhood Care and Education ( ECCE) 3 साल की उम्र से भी शामिल है। इस नए शैक्षणिक ढांचे का उद्देश्य कम उम्र से ही बेहतर समग्र शिक्षा, विकास और कल्याण को बढ़ावा देना है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 2 साल की प्री-प्राइमरी शिक्षा (pre-primary education) 3 से 6 साल के बच्चों के लिए होगी। इस 2 वर्षीय प्री-प्राइमरी स्कूलिंग का उद्देश्य बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करना है।
प्री-प्राइमरी शिक्षा के 2 वर्षों के दौरान बच्चों को आंगनबाडी या समुदाय आधारित नर्सरी स्कूलों में निःशुल्क पढ़ाया जाएगा। इसे शुरू करने का उद्देश्य शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों पर अधिक जोर दिया जाएगा और बच्चों की शिक्षा की शुरूवात से ही एक मजबूत सीखने की नींव रखी जाएगी।
तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों को ऐसी गतिविधियों में लगाया जाएगा जो उन्हें खेल, मनोरंजक आदि के माध्यम से सीखने और समझने में मदद करेगा। इससे 3-6 वर्ष की आयु के बच्चे स्कूली पाठ्यक्रम के अंतर्गत आएंगे। प्रारंभिक चरण की शिक्षा को आनंदमय, चंचल और मस्ती भरे माहौल में बनाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे।
एनईपी 2020 संरचना (5+3+3+4)
नई 5+3+3+4 पाठ्यक्रम संरचना क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष की आयु के छात्रों को कवर करेगी। नई प्रणाली में 3 साल की प्री-स्कूलिंग / आंगनवाड़ी (pre-schooling/Anganwadi) और उसके बाद 12 साल की स्कूली शिक्षा शामिल होगी।
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फाइल फोटो |
Author:
Ram Bharosh Dubey
Project Expert Uddan NGO
Lecturer Chemistry
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