आजमगढ़। अंबारी नगर पंचायत माहुल का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 11 महीने से बिना डाॅक्टर और फार्मासिस्ट के चल रहा है। वहीं, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंबारी में दो साल से डॉक्टर नहीं हैं।
अंबारी का स्वास्थ्य केंद्र फार्मासिस्ट और माहुल का स्वास्थ्य केंद्र स्वीपर के सहारे चल रहा है। डॉक्टरों की तैनाती नहीं होने से करीब 50 गांवों की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माहुल में डॉक्टर की तैनाती के लिए भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर ने तीन माह पहले मुख्यमंत्री से मिल कर पत्रक दिया था, लेकिन एमएलसी का प्रयास भी काम नहीं आया। इस स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्र के लगभग 50 गावों के मरीज दवा इलाज के लिए आते हैं। यहां तैनात रहे डॉक्टर और फार्मासिस्ट का जनवरी 2024 में अन्यत्र स्थानांतरण हो गया।
इसके बाद 11 माह बाद भी यहां डाॅक्टर और फार्मासिस्ट की नियुक्ति नहीं हुई। अस्पताल में मात्र एक स्वीपर और एक आयुष्मान कार्ड निर्माता हैं, जो अस्पताल चला रहे हैं। प्रतिदिन दर्जनों मरीज आते हैं और बिना दवा इलाज के चले जाते हैं।
वहीं, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंबारी पर नियुक्त डॉक्टर विनोद गुप्ता दो साल पहले उच्च शिक्षा के लिए चले गए। उनके जाने के बाद से फार्मासिस्ट मृत्युंजय सिंह अस्पताल चला रहे हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र पर आसपास के दर्जनों गांवों के मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर न होने के कारण लोगों को निराशा ही मिलती है। दवा देने के साथ ही मरीजों को देखने का काम फार्मासिस्ट ही कर रहे हैं।
शासन से डॉक्टर की मांग की गई है लेकिन नई भर्ती न होने से नए डॉक्टर नहीं मिल रहे। संविदा डॉक्टर आने वाले हैं। जिन जगहों पर अधिक आवश्यकता रहेगी वहां पर इनकी तैनाती की जाएगी। - डॉ. अशोक कुमार, सीएमओ। साभार ए यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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