कलयुगी बेटी ने मां के साथ की क्रूरता की हदें पार, बेरहमी से पिटती आई नजर,माँ दर्द से रोती रही, देखें वीडियो

कलयुगी बेटी ने मां के साथ की क्रूरता की हदें पार, बेरहमी से पिटती आई नजर,माँ दर्द से रोती रही, देखें वीडियो

हरियाणा। हरियाणा से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक बेटी अपनी ही माँ के साथ क्रूरता से पेश आ रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि एक लड़की अपनी माँ को बेरहमी से पीट रही है, जबकि माँ दर्द से रो रही है।

इस घटना ने समाज में गहरा आक्रोश और बहस को जन्म दिया है।

घटना का विवरण

वीडियो में, जो हरियाणवी भाषा में है, एक युवती अपनी माँ के साथ दुर्व्यवहार करती नजर आ रही है। माँ की चीखें और बेटी की हिंसक हरकतें वीडियो में साफ सुनी और देखी जा सकती हैं। यह घटना न केवल परिवारिक मूल्यों पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में नैतिकता और संस्कारों की गिरावट की ओर भी इशारा करती है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ

इस वीडियो के वायरल होने के बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने अपनी नाराजगी और दुख व्यक्त किया है। कई यूजर्स ने बेटी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उदाहरण के लिए, गणेश जोशी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

"इस बेटी को जानवर बनाने वाली भी यही माँ रही होगी! बचपन में ही अनुशासन में रखा होता, गलती करने पर कान के नीचे झन्नाटेदार झापड़ दे दिया होता तो ये स्थिति नहीं होती!!"

वहीं, डेली अपडेट ने लिखा:

"यह वीडियो देखकर बहुत दुख हुआ। हरियाणा में माँ के साथ ऐसा व्यवहार शर्मनाक है। समाज को इसकी निंदा करनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए। बड़ों का सम्मान हमारी संस्कृति है।"

समाज में बढ़ती हिंसा और नैतिकता का पतन

इस घटना ने समाज में बढ़ती पारिवारिक हिंसा और नैतिकता के पतन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक मूल्यों की कमी, तनावपूर्ण जीवनशैली, और संचार की कमी ऐसी घटनाओं के प्रमुख कारण हो सकते हैं। परिवारों में संवाद की कमी और आपसी समझ की कमी से ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, जहाँ रिश्तों में कड़वाहट और हिंसा पनपती है।

कानूनी पहलू

भारतीय कानून के तहत, माता-पिता या वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार एक गंभीर अपराध है। 'माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007' के अनुसार, बच्चों का कर्तव्य है कि वे अपने माता-पिता की देखभाल करें। इस अधिनियम के तहत, माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है, जिसमें जुर्माना और सजा दोनों शामिल हैं।

समाज की भूमिका

समाज का कर्तव्य है कि वह ऐसी घटनाओं की निंदा करे और पीड़ितों को न्याय दिलाने में सहायता करे। इसके अलावा, परिवारों में संवाद को बढ़ावा देना, नैतिक शिक्षा, और बच्चों में संस्कारों का संचार करना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। समाज को यह समझना होगा कि बड़ों का सम्मान हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, और इसे बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

हरियाणा की यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि पारिवारिक मूल्यों और नैतिकता की पुनर्स्थापना की जाए। बच्चों में संस्कारों का संचार, परिवारों में संवाद, और समाज की सक्रिय भूमिका से ही हम ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं। यह समय है कि हम आत्मनिरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि हमारे परिवार और समाज में सम्मान, प्रेम, और समझ का माहौल बना रहे। साभार आरडी।

देखें वीडियो 👇
https://x.com/SonOfBharat7/status/1895010482400174153?s=19

फाइल फोटो

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

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