फिरौती के लिए अपहरण किए गए मासूम की हत्या के मामले में दो आरोपियों को 19 साल बाद आजीवन कारावास

फिरौती के लिए अपहरण किए गए मासूम की हत्या के मामले में दो आरोपियों को 19 साल बाद आजीवन कारावास

आजमगढ़। फिरौती के लिए अपहरण किए गए मासूम शुभांग की हत्या के मामले में 19 साल बाद सोमवार को अदालत ने दो को आजीवन कारावास और प्रत्येक अभियुक्त को 45000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-3 जैनेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार सदावर्ती निवासी अजीत रुंगटा का बेटे शुभांग ज्योति निकेतन स्कूल का छात्र था। रोज की तरह शुभांग 31 अगस्त 2006 को स्कूल गया लेकिन वापस नहीं लौटा। परेशान माता-पिता ने जब तलाश की तो शुभांग की साइकिल स्कूल के साइकिल स्टैंड में मिली। उसी रात 9 बजे अजीत रूंगटा के फोन पर फिरौती के लिए फोन आया। संदेह होने पर पुलिस ने सबसे पहले घर में काम करने वाले नाबालिग नौकर को ही उठाया। पुलिस की पूछताछ में नौकर ने स्वीकार किया कि फिरौती के लिए तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर शुभांग का अपहरण किया है। शुभम को सिधारी थाना क्षेत्र के जमालपुर गांव में प्रमोद यादव के घर में रखा गया है। पहचान उजागर होने के डर से अभियुक्त डर गए। उन्होंने शुभांग की गला दबाकर हत्या कर दी। लाश को शारदा टॉकीज के पास नदी के किनारे झुरमुट में फेंक दिया। नाबालिग नौकर की निशानदेही पर शुभांग की लाश 3 सितंबर 2006 को बरामद की गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद प्रमोद यादव उर्फ बालू निवासी जमालपुर, अजीत कुमार शर्मा निवासी हर्रा की चुंगी और दो नाबालिगों के विरुद्ध नवंबर 2006 में चार्जशीट दायर की। दोनों नाबालिग की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से शुभांग के पिता अजीत रुंगटा समेत आठ गवाहों की गवाही कराई गई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने प्रमोद यादव उर्फ बलऊ और अजीत कुमार शर्मा को उम्र कैद और प्रत्येक को 45000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। साभार ए यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

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