इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने DM जौनपुर पर लगाया 10 हजार रूपए का जुर्माना, जानें कारण

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने DM जौनपुर पर लगाया 10 हजार रूपए का जुर्माना, जानें कारण

जौनपुर। धर्मापुर ब्लॉक पर बीते 19 मार्च को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग को अगले 9 अप्रैल तक टालने के मामले में शनिवार को एक नया मोड़ आया है। ब्लॉक प्रमुख विमलेश यादव ने प्रयागराज हाइकोर्ट में याचिका दायर करके अवगत कराया था कि क्षेत्र पंचायत में कल 44 सदस्यों में से 32 सदस्यों को 22 फरवरी को ससमय नोटिस भेजा गया।

12 सदस्यों को विलंब से नोटिस दिया गया था। हाइकोर्ट ने मामले में सरकारी समय व धन का दुरुपयोग पाते हुए जिलाधिकारी जौनपुर पर दस हजार का जुर्माना लगाया है। सरकार से यह धनराशि उनकी तनख्वाह से काटने का विकल्प भी दिया है।

धर्मापुर ब्लॉक के वार्ड संख्या 37 की सदस्य नीलम पाल द्वारा पूर्व में आधे से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्यों के हस्ताक्षर व अंगूठा निशान सहित एक पत्र जिलाधिकारी जौनपुर को अविश्वास प्रस्ताव के संदर्भ में सौंपा गया था। इस पर जिलाधिकारी जौनपुर ने उप जिलाधिकारी सदर पवन सिंह को अविश्वास प्रस्ताव के संदर्भ में वोटिंग कराने के लिए 19 मार्च की तारीख तय की थी। 19 मार्च को वोटिंग शुरू होने से पूर्व ही उप जिलाधिकारी सदर पवन कुमार सिंह ने स्वास्थ्य ठीक ना होने का हवाला देते हुए तथा कुछ क्षेत्र पंचायत सदस्यों को नोटिस भेजने में विलंब होने की आशंका में मतदान 9 अप्रैल तक के लिए टाल दिया।। उपरोक्त मामले में ब्लॉक प्रमुख विमलेश यादव द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपील की गई थी। इस पर न्यायालय ने आदेश दिया। साभार एनपी।

फाइल फोटो

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

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