सुल्तानपुर । जिले में एक ऐसी घटना घटी, जिसे सुनकर कोई भी चौंक सकता है। यह मामला उस समय सामने आया जब एक दूल्हा अपनी शादी के बाद अपनी दुल्हन को ससुराल लाने के लिए कार में यात्रा कर रहा
दोनों एक साथ कार में बैठे थे, लेकिन जैसे ही उनकी यात्रा मऊआइमा फोरलेन हाईवे के पास पहुंची, दुल्हन ने अचानक कहा, "ऐ जी! कार रोकिए, मुझे टॉयलेट जाना है।" दूल्हे ने इसे सामान्य समझते हुए रास्ते में कार रोक दी, लेकिन वह नहीं जानता था कि दुल्हन के मन में क्या चल रहा था। दुल्हन का प्रेमी वहां उसका इंतजार कर रहा था और फिर वही हुआ जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी - दुल्हन अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। जब दूल्हे को इस सच्चाई का पता चला तो वह सिर पकड़कर पछताने के अलावा और कुछ नहीं कर सका। यह घटना एक फिल्मी ड्रामा से कम नहीं थी, और इसे लेकर गांवभर में चर्चा होने लगी।
घटना की शुरुआत:
घटना मऊआइमा फोरलेन हाईवे के पास घटित हुई। जानकारी के मुताबिक, यह शादी सुल्तानपुर से संबंधित थी। बारात लेकर दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा करके कौशाम्बी लौट रहा था। यात्रा के दौरान दुल्हन ने अचानक टॉयलेट जाने की बात कहकर कार रुकवाने का आग्रह किया। दूल्हा इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए कार रोकता है। लेकिन वह नहीं जानता था कि दुल्हन के दिमाग में क्या खुराफाती योजना चल रही थी।
दुल्हन का प्रेम प्रसंग:
बारातियों के मुताबिक, दुल्हन का किसी और के साथ प्रेम प्रसंग था, जिसकी वजह से वह शादी के लिए तैयार नहीं हो रही थी। शुरू में दुल्हन ने जयमाल और सात फेरों के लिए भी मना कर दिया था। लेकिन परिवार वालों के दबाव में आकर उसने शादी करने की स्वीकृति दी। शादी के दौरान भी वह अपनी इच्छाओं को छिपाने में नहीं लगी। पूरे समारोह के दौरान वह निरंतर ड्रामा करती रही, लेकिन किसी तरह सभी रस्में पूरी कराई गईं।
विदाई के समय का ड्रामा:
शुक्रवार को विदाई के समय भी दुल्हन ने खूब ड्रामा किया। वह अपनी विदाई को लेकर काफी उत्साहित नहीं थी और कुछ समय के लिए उस दिन भी उसने विरोध किया। हालांकि, परिवारवालों ने उसे समझाया और उसकी विदाई की प्रक्रिया को पूरा किया। फिर दूल्हा और दुल्हन कार से कौशाम्बी के लिए निकले और अन्य बाराती भी उनके साथ थे।
दुल्हन की फरारी:
जब दूल्हा और दुल्हन की कार मऊआइमा फोरलेन हाईवे के पास पहुंची, तो दुल्हन ने फिर से लघुशंका की बात कही। दूल्हे ने इसे सहर्ष स्वीकार किया और उसे बोतल में पानी देकर थोड़ी दूर स्थित झाड़ियों की ओर भेज दिया। हालांकि, एक घंटे तक वह वापस नहीं आई। दूल्हे ने समझा कि शायद वह देर से वापस आ रही है, लेकिन जब उसने और उसके दोस्तों ने झाड़ियों में तलाश शुरू की तो उन्हें दुल्हन का कहीं पता नहीं चला।
ग्रामीणों से जानकारी मिलना:
पास में कुछ ग्रामीण पशुओं को चरा रहे थे। दूल्हा और उसके साथी उनसे पूछताछ करने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि एक महिला, जो कि दुल्हन की तरह दिख रही थी, बाइक पर बैठकर प्रतापगढ़ की ओर गई है। इस जानकारी को तुरंत फोन के जरिए सुल्तानपुर निवासी दुल्हन के परिवार को बताया गया, लेकिन जैसे ही उन्होंने यह जानकारी दी, दुल्हन के परिजनों ने अपने फोन बंद कर लिए। इससे मामला और जटिल हो गया।
बरातियों का इंतजार और पुलिस की प्रतिक्रिया:
काफी समय तक इंतजार करने के बाद, बाराती निराश होकर रामफल इनारी पुलिस चौकी पहुंचे और घटना की जानकारी दी। लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि वह दुल्हन के परिवार से बात करें। पुलिस का यह व्यवहार स्थिति को संभालने के बजाय और भी जटिल बना गया।
बिना दुल्हन के लौटी बारात:
इस सब के बाद, दूल्हे और उसके साथियों ने फैसला किया कि वह बिना दुल्हन के ही कौशाम्बी लौट जाएंगे। यह घटना न केवल दूल्हे के लिए, बल्कि दुल्हन के परिवार के लिए भी शर्मनाक और हैरान कर देने वाली थी। अंततः, पूरे मामले का कोई हल नहीं निकला और यह शादी एक मजाक बनकर रह गई।
समाज और परंपराओं का सवाल:
इस घटना ने समाज में एक गंभीर सवाल उठाया है। क्या हम अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के नाम पर किसी को मजबूर कर सकते हैं? क्या दुल्हन का अधिकार नहीं है कि वह अपनी पसंद का जीवन साथी चुन सके? इस घटना में साफ तौर पर यह देखा गया कि दुल्हन की इच्छाओं और भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया और उसे एक दबावपूर्ण शादी के लिए विवश किया गया।
यह घटना एक बड़ी सामाजिक समस्या को उजागर करती है। आज भी कई स्थानों पर लड़कियों को परिवार और समाज के दबाव में आकर शादी करनी पड़ती है, जो कि उनकी खुशी और मानसिक स्थिति के खिलाफ होता है। इसी दबाव का परिणाम है कि इस प्रकार की घटनाएं सामने आती हैं, जिसमें दुल्हन अपनी इच्छा के खिलाफ शादी कर, किसी और को अपना जीवन साथी मानने की कोशिश करती है।
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की यह घटना न केवल एक दिलचस्प कहानी है, बल्कि यह समाज के प्रति एक बड़ा सवाल भी है। शादी जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया में दुल्हन की इच्छाओं और भावनाओं का सम्मान होना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे अप्रत्याशित और शर्मनाक घटनाओं का सामना न करना पड़े। दुल्हन की इस फरारी ने यह साबित कर दिया कि एक व्यक्ति की निजी इच्छाएं और भावनाएं किसी भी दबाव से ऊपर होती हैं और उन पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। साभार एसएन।
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AI इमेज,फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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