अलवर । जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के सर्जिकल आईसीयू में भर्ती 32 वर्षीय महिला के साथ नर्सिंग स्टाफ द्वारा कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया।
पुलिस ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है और आरोपी नर्सिंग कर्मी सुभाष घिताला को अस्पताल में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पुलिस के अनुसार यह घटना 4 जून की रात को हुई जब पीड़िता को ट्यूबेक्टॉमी ऑपरेशन के बाद आईसीयू में भेजा गया था। पीड़िता के पति ने उद्योग नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें बताया गया कि उनकी पत्नी को 2 जून को ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। 4 जून की रात को नर्सिंग कर्मी ने पर्दे लगाकर और पीड़िता को नशीला इंजेक्शन देकर उसे बेहोश कर दिया, फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान पीड़िता के परिवारवाले आईसीयू के बाहर वेटिंग रूम में मौजूद थे।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने अपने वीडियो बयान में साफ़ तौर पर नर्सिंग कर्मी को अपराधी के रूप में पहचाना। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने पहले उसे नशीला इंजेक्शन दिया, जिससे वह बेहोश हो गई और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अलवर के सहायक उप-निरीक्षक महावीर सिंह ने बताया, 'पीड़िता के पति की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। हमने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच जारी है।'
रिपोर्टों के अनुसार, अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को दबाने की कोशिश की, लेकिन पीड़िता के पति की शिकायत और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला सामने आया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के पति ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने कथित तौर पर मामले को दबाने की कोशिश की।
शिकायत के अनुसार, आरोपी ने अधिकारियों के सामने महिला और उसके परिवार से माफी भी मांगी। अस्पताल ने कथित तौर पर इस घटना को दबाने की कोशिश जारी रखी, जब तक कि पीड़िता ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं किया, जिन्होंने तुरंत पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
आईसीयू में मौजूद एक अन्य मरीज के पति ने गवाही दी कि नर्सिंग कर्मी ने रात को गलत काम किया। इसके बयान ने पुलिस की जांच को और मजबूत किया है।
पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और अस्पताल प्रशासन से भी पूछताछ की जा रही है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोग दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यह घटना महिलाओं की सुरक्षा और अस्पतालों में मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जांच के परिणाम और अब दोषी के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार है। साभार एसएच।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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