जौनपुर। जाके राखे साइयां मार सके न कोय... यह कहावत केराकत के सरकी गांव निवासी महेश यादव पर सटीक बैठती है। महेश को एक दो बार नहीं, बल्कि तीन साल में 14 बार सांपों ने डसा है। लेकिन हर बार महेश ने जिंदगी और मौत की जंग को जीता है।
पेशे से किसान महेश यादव ने बुधवार को बताया कि वह सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। साल 2022 में रक्षाबंधन के दिन पहली बार उन्हें करैत सांप ने काटा था। उस दिन लगा कि अब सब खत्म हो गया लेकिन इलाज के बाद वह ठीक हो गए।
इसके बाद 12 जुलाई 2023 को धान की फसल में पानी भरते समय मेड़ पर बैठे सर्प ने डस लिया। फिर इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गए। साल 2024 में जनवरी में शौचालय जाने के दौरान बाल्टी में बैठे करैत सर्प ने डस लिया था। इसके बाद जूते में बैठे करैत सर्प ने काट लिया था।
इसके बाद भी कभी खेत, तो कभी घर के आसपास सर्प उन्हें डसता रहा। आखिरी बार इस साल 30 मई को गांव की एक शादी में जाते समय रास्ते में कोबरा सर्प ने काट लिया। महेश शादी में गए और खाना खाते समय वहां चक्कर आ गया। फिर आनन फ़ानन उनको चिकित्सक के पास ले जाया गया। वहां फिर वह मौत को मात देकर घर लौट आए।
इस तरह कुल 14 बार महेश को सांप डस चुका है। महेश बताते हैं कि शुरू में बहुत डर लगता था। सांप देखते ही भागते थे। लेकिन अब तो सांप देखकर हंसी आती है। वे मानते हैं कि उनके भीतर एक अलग तरह का आत्मविश्वास है, जो उनके जिंदा रहने की वजह बन चुका है।
बोले अधिकारी
डॉ. अरुण कुमार कनौजिया, अधीक्षक, केराकत सीएचसी ने बताया यह मामला दुर्लभ है। लेकिन असंभव भी नहीं है। बार-बार विष के संपर्क में आने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। संभव है कि अधिकांश बार उन्हें कम विषैले या विषहीन सांप ने डसा हो। सही समय पर इलाज भी बचाव का कारण है। साभार ए यू।
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महेश यादव,फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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