जौनपुर। बहुचर्चित बेलाव हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चार आरोपियों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बृहस्पतिवार को बरी कर दिया। अभियोजन की कमजोर पैरवी पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब तक की सुनवाई में न तो मजबूत गवाह और न ही पर्याप्त साक्ष्य दाखिल किए गए।
इसके पीछे बहुत बड़ा कारण कोर्ट के समक्ष वादी मृतक संजय के भाई राजेंद्र व संजय की पत्नी पुष्पा का भी बयान से मुकर जाना है।15 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने बृहस्पतिवार को चारों आरोपियों के पक्ष में 23 पन्ने का फैसला सुनाते हुए उन्हें 10 मिनट में बरी कर दिया।फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि केराकत के बेलांव पुल पर टोल का ठेका मृतक संजय के पिता के नाम था। पिता अभयराज द्वारा स्पष्ट साक्ष्य ठेकेदारी के विवाद के संबंध में न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए गए। इसके अलावा आरोपियों का कोई विवाद ठेकेदारी के संबंध में संजय या उसके पिता अभयराज से था, इसका भी प्रमाण अभियोजन नहीं दे पाया। घटना के प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी कोर्ट में पेश नहीं किए गए। अभियोजन अपनी बात को साबित करने में भी असफल रहा। वादी ने जो मुकदमा दर्ज कराया था, उसमें चारों आरोपियों में किसी का नाम नहीं था। न ही विवेचना के दौरान आरोपियों का नाम शामिल करने के बाद उनकी शिनाख्त कराई गई, इससे भी अभियोजन आधारविहीन हो जाता है। साभार ए यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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