आजमगढ़ । जिले के तरवां थाना क्षेत्र के लौरी गांव की निवासी 12 वर्षीय छात्रा की आज 100 बेड संयुक्त चिकित्सालय तरवां में इलाज के दौरान मौत हो गई। किशोरी अपने पिता के साथ पैर के फोड़े का इलाज कराने आई थी।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर द्वारा लगाये गये इंजेक्शन के बाद उसकी हालत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद डॉक्टर पर गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा किया। सूचना पर कई थाने की फोर्स लोगों को समझाकर शांत कराई। वही इस मामले में बच्ची के पिता ने डॉक्टर के खिलाफ शिकायती पत्र देकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के लौरी गांव की रहने वाले मदन राम की बच्ची अंशिका को फोड़ा फुंसी हो गई थी। जिसके इलाज करने के लिए तरवां में 100 संयुक्त चिकित्सालय पर ले गया। जहां डॉ. राम शब्द मौर्य ने एक इंजेक्शन लगवाया। जिनके लगाने से अंशिका की मौके पर ही मौत हो गई। इसकी जानकारी होते ही ग्रामीणों ने अस्पताल का घेराव कर दिया और डॉक्टर की मांग करने लगे तथा मुआवजे की मांग की।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष तरवां ने परिजनों और ग्रामीणों को काफी देर तक समझाया बुझाया, लेकिन ग्रामीण आक्रोशित हो गये। ग्रामीणों के इस रवैया को देख तरवां थानाध्यक्ष की सूचना पर कई थाने की फोर्स तरवां, देवगांव, गंभीरपुर, जहानागंज और मेंहनगर पुलिस मौके पर पहुंची। सीओ लालगंज और नायब तहसीलदार ने लोगों को समझा-बुझाकर चार घंटे बाद हंगामा शांत कराया। पुलिस ने डॉक्टर को सुरक्षित थाने पहुंचाया और शव को परिवार की सहमति से पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
गुस्साए ग्रामीणों ने परमानपुर चौराहे पर सड़क जाम कर दिया। सीओ के हस्तक्षेप के बाद हटा लिया गया। वहीं बच्ची की मौत के बाद उसकी मां व परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा है। पुलिस के अनुसार मृतक के परिजनों द्वारा डॉक्टर के विरुद्ध तहरीर मिली है, मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी। साभार डीबी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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