कानपुर । कानपुर शहर में एडवोकेट और भू माफिया अखिलेश दुबे से जुड़े मामले में पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने कड़ा कदम उठाते हुए पुलिस विभाग में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है.
इस मामले में चार इंस्पेक्टर और दो दारोगाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इन पुलिसकर्मियों पर अखिलेश दुबे और उनके गैंग की मदद करने का आरोप है. बता दें कि, इस कार्रवाई ने पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर शहर के बीजेपी नेता रवि सतीजा ने अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उनके गैंग पर गंभीर आरोप लगाए थे. सतीजा का दावा था कि दुबे और उनके सहयोगियों ने एक लड़की के जरिए उनके खिलाफ रेप का फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया. इस मामले में अखिलेश दुबे और उसका साथी लवी मिश्रा को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है. इसके बाद कई अन्य लोगों ने तहरीर देकर दुबे के खिलाफ अतिरिक्त मुकदमे दर्ज करवाए. एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ कि कई पुलिसकर्मी अखिलेश दुबे की मदद कर रहे थे, जिसके बाद इन सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई की गई है.
सस्पेंड पुलिसकर्मियों पर क्या लगे आरोप!
कानपुर पुलिस कमिश्नर कुमार ने अब तक अखिलेश दुबे कांड में छह पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है, फिलहाल, उन सभी को निलंबित कर दिया गया है. जो कि इस प्रकार हैं.
1. इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह (पीएनओ-122480012)
तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक पनकी के रूप में तैनाती के दौरान, मानवेंद्र सिंह पर भूमि विवाद के एक मामले में शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप है. इसके अलावा, उन्होंने अखिलेश दुबे और उनके सहयोगियों के साथ सांठ-गांठ कर लाभ पहुंचाया और तथ्यों को छिपाकर उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी. जिसके चलते उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई.
2. इंस्पेक्टर आशीष कुमार द्विवेदी (पीएनओ-112634230)
वहीं, कानपुर के नवाबगंज और फजलगंज थानों में प्रभारी के रूप में तैनाती के दौरान, आशीष कुमार पर भू-माफिया अखिलेश दुबे और उनके गैंग के साथ सांठ-गांठ का आरोप है. जांच में उनकी संलिप्तता और अपराधों में भूमिका के तथ्य सामने आए है. जिसके बाद उनके ऊपर भी गाज गिरते हुए सस्पेंड किया गया है.
3. इंस्पेक्टर अमान सिंह (पीएनओ-982030633)
इश दौरान ग्वालटोली थाने में तैनाती के दौरान, अमान सिंह ने विवेचना प्रकरण में अखिलेश दुबे गैंग के सदस्यों को लाभ पहुंचाया. उन्होंने लवी मिश्रा, लकी मिश्रा, सौरभ द्विवेदी, प्रशांत और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज मामले में अभियुक्तों को फायदा पहुंचाया और बिना उच्च अधिकारियों को सूचित किए बेल कमेंट न्यायालय को भेजा. यह लापरवाही और अनुशासनहीनता का मामला माना गया.
4. इंस्पेक्टर नीरज ओझा (पीएनओ-052251160)
तत्कालीन थाना प्रभारी बर्रा, नीरज ओझा पर अखिलेश दुबे के साथ सांठ-गांठ और पीड़ित रवि सतीजा पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला को अपनी पुत्रवधू बताने के लिए झूठे तथ्य पेश करने का आरोप लगा है.
5. दारोगा आदेश कुमार यादव (पीएनओ-132420240)
इधर, आवास विकास चौकी प्रभारी, नौबस्ता के रूप में तैनाती के दौरान, आदेश कुमार पर गलत काम कराने और जनता व पुलिस स्टाफ के साथ खराब व्यवहार का आरोप है. उनकी गतिविधियों ने पुलिस विभाग की छवि को धूमिल किया.
6. दारोगा सनोज पटेल (पीएनओ-986113053)
ग्वालटोली थाने में तैनाती के दौरान, सनोज पटेल ने अखिलेश दुबे गैंग के सदस्यों को लाभ पहुंचाने के लिए लापरवाही बरती. उन्होंने बिना उच्च अधिकारियों को सूचित किए बेल कमेंट न्यायालय को भेजा, जो अनुशासनहीनता का मामला माना गया है.
6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गिरी गाज से महकमे में मचा हड़कंप
कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के इस एक्शन के बाद पुलिस विभाग में तनाव का माहौल है. सूत्रों के अनुसार, अखिलेश दुबे की मदद करने के आरोप में तीन तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी), एक अन्य इंस्पेक्टर और दो केडीए कर्मियों को भी नोटिस जारी किया गया है. यह कार्रवाई कानपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता को दर्शाती है. साभार आईडी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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