आजमगढ़। जिले में एक कार्यक्रम के दौरान कुर्सी को लेकर दलित और राजभर समाज के लोगों के बीच हुई कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया। कार्यक्रम में दलित समाज की एक बच्ची कुर्सी पर बैठकर खाना खा रही थी, तभी राजभर समाज के कुछ लोगों ने उससे कुर्सी ले ली। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में बहस शुरू हुई, जो बाद में झगड़े में बदल गई। यह मामला तरवा थाना क्षेत्र के शनिवार रात की है।
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फाइल फोटो |
मामला बढ़ता देख गांव के कुछ लोगों ने बीच-बचाव किया, लेकिन तनाव बना रहा। कार्यक्रम खत्म होने के बाद देर रात राजभर समाज के कुछ लोग दलित कमलेश के घर जा पहुंचे और हमला बोल दिया। लाठी-डंडों से हुई इस मारपीट में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को पहले 100 शैय्या अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत नाजुक होने पर उन्हें लखनऊ के पीजीआई रेफर कर दिया गया।
घायलों में महिलाएं भी शामिल
हमले में घायल हुए लोगों में कमलेश कुमार, राजेश कुमार, अंकित, सविता देवी, संतरा देवी, लीला देवी और सरोज देवी शामिल हैं। बताया गया कि इन सभी की हालत फिलहाल गंभीर है और डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज कर रही है। ग्रामीणों के मुताबिक, अचानक हुए इस हमले से पूरा परिवार दहशत में है और गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।
13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, बढ़ा तनाव
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा। दलित पक्ष की ओर से कमलेश के चाचा खेदूराम ने तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
थानाध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि जिन आरोपियों पर केस दर्ज हुआ है, उनमें रामजन्म राजभर, अर्पित राजभर, अंकित राजभर, विपुल राजभर, पवन यादव, सूरज राजभर, कैलाश राजभर, गोलू राजभर, अनिल राजभर, प्रिंस राजभर, मनीष राजभर, किशन राजभर और अभिषेक राजभर शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ब्लॉक प्रमुख ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप
मामले की जानकारी मिलते ही लालगंज पल्हना के ब्लॉक प्रमुख अनुराग सिंह सोनू भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पुलिस ने दलित पक्ष की तहरीर पर तो तुरंत मुकदमा लिख दिया, लेकिन राजभर समाज की ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
ब्लॉक प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने एक ऐसे युवक को हिरासत में लिया है, जिसका नाम मुकदमे में शामिल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उस लड़के के पिता के साथ भी मारपीट की कोशिश की। इस बात से नाराज होकर ब्लॉक प्रमुख और उनके समर्थक थाने के बाहर धरने पर बैठ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उक्त प्रकरण में प्रमुख ने उच्च अधिकारियों से भी बातचीत किया और घटना की सच्चाई उनको अवगत कराया।
धरने की सूचना मिलते ही मेहनाजपुर, देवगांव और मेहनगर थाने की पुलिस भी तरवा थाने पर पहुंची। अफसरों ने ब्लॉक प्रमुख और उनके समर्थकों से बातचीत की और माहौल शांत कराया। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और किसी निर्दोष को नहीं फंसाया जाएगा। साभार डीबी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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