साभार जी न्यूज
नई दिल्ली । साल 2020 शुरुआत से ही वैश्विक स्वास्थ्य के लिए त्रासदीपूर्ण रहा है. ये पूरा साल लोगों ने कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से जंग लड़ते हुए गुजारा है. भले ही कुछ दिनों में नए साल का आगमन होने वाला है. लेकिन कोरोना का खतरा अगले साल भी बरकरार रहने के आसार हैं. इसी के मद्देनजर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने 2021 में वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों (Global Health Challenges ) की एक सूची जारी की है, जिनसे दुनिया को 2021 में निपटना पड़ेगा.
WHO ने कहा कि कोरोना महामारी ने पिछले 20 सालों में हासिल की गई वैश्विक हेल्थ प्रणाली की रफ्तार कम करते हुए इसे पीछे की ओर खींच लिया है.
जिस कारण 2021 में दुनिया को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. अगले साल, COVID-19 के खिलाफ लड़ने के साथ-साथ, दुनिया भर के देशों को विभिन्न बीमारियों से लड़ने के लिए अपनी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी.
WHO का मानना है कि 2021 में आम जनता तक कोरोना वैक्सीन और इलाज की पहुंच को सुगम बनाना सबसे जरूरी कदम होगा. देशों को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को आधुनिक रूप से विकसित करना होगा ताकि कोरोना जैसी आपात स्थितियों का सामना किया जा सके.
2021 में दूसरी बड़ी चुनौती स्वास्थ्य असमानताओं से निपटने की होगी. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 'कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं.' ऐसे में WHO सभी देशों के साथ मिलकर आय, लिंग, जाति, शिक्षा, रोजगार की स्थिति, विकलांगता आदि से संबंधित स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने के लिए काम करेगा.
2021 में WHO सभी देशों में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा, जिससे महामारी के लिए और अधिक प्रभावी प्रतिक्रिया होगी. इसका उद्देश्य सभी देशों स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का निर्माण करना भी है.
आगामी साल 2021 में WHO उन देशों को पोलियो और अन्य बीमारियों के टीके लगाने में मदद करेगा, जो महामारी के दौरान छूट गए थे. WHO का मानना है कि कोई भी देश संक्रामक रोगों को तभी हरा पाएंगे, जब उनके पास उनके इलाज के लिए प्रभावी दवाएं हों.
WHO के अनुसार, 2019 में मृत्यु के शीर्ष 10 मामलों में 7 के लिए गैर-संचारी रोग जिम्मेदार थे. और 2020 ने हमें यह सिखाया कि एनसीडी वाले लोग कोविड-19 के लिए कैसे असुरक्षित थे. कोविड-19 ने हमें मौका दिया है कि हम एक बार फिर 'बेहतर, हरियाली से भरी और स्वस्थ दुनिया' का निर्माण करें.
स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए देशों को अधिक से अधिक एकजुटता प्रदर्शित की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि देशों, संस्थानों, समुदायों और व्यक्तियों को अपनी आपसी दरारें बंद करनी होगी.
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