जौनपुर। कोतवाली पुलिस ने करोड़ों रुपए की संपत्ति हड़पने के लिए अभिलेखों में हेराफेरी करने के मामले में महिलाओं समेत नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है।
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आराजी नंबर 74 बटा एक व आराजी नंबर 74 मोहल्ला उमरपुर हरिबंधनपुर में स्थित है, उक्त जमीन पर खड़हर व मकान गिरे पड़े अवस्था में रहे।
महजबीन बेगम पत्नी स्वर्गीय मिर्जा मोहम्मद कमर अब्बास निवासी मोहल्ला रिजवी खां ने जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि मोहल्ला उमरपुर हरिबंधनपुर में स्थित उनकी जमींदारी की जमीन जिस पर खड़हर जीर्ण क्षीर्ण अवस्था में रहा उसकी देखरेख करने के लिए उन्होंने मिर्जा दावर बैग पुत्र स्वर्गीय मिर्जा कैसरबाग को दे दिया था। उनसे प्रार्थिनी के परिवार वालों से काफी करीबी जान पहचान थी और वह संपत्ति की देखभाल किया करते थे। महिला परदानशीन होने के कारण अपनी संपत्ति की देख रेख नहीं कर पा रही थीं। इसी का लाभ उठाकर अभिलेखों में फेरबदल कर बाला बाला कार्रवाई करते हुए अपना नाम चढ़ा कर उक्त संपत्ति को अलग- अलग हिस्सों में करोड़ों रुपए लेकर बैनामा कर दिया।
बैनामा धारक लॉक डाउन का लाभ उठाकर उपरोक्त कीमत की संपत्ति पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। तब महिला को पता चला कि उसकी संपत्ति का दस्तावेजों में कूट रचित एवं मिथ्या दस्तावेज की रचना करके फर्जी तौर पर बैनामा कर करा दिया जो गंभीर अपराध है।
महिला के प्रार्थना पत्र पर जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कोतवाली पुलिस को आदेशित किया कि जांच करके उचित कार्रवाई की जाए। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में एक मिर्जा दावर बैग, दूसरे मिर्जा अख्तर बैग, तीसरे मिर्जा जावेद बैग, चौथा इस्मत इरफान बैग व पांचवा रजिया हाशमी पुत्र गढ़ मिर्जा कैसरबाग निवासी उमरपुर हरिबंधनपुर रूहट्टा छठवीं आरोपी विद्या देवी निवासी जहांगीराबाद थाना कोतवाली सातवीं स्वामीनाथ, आठवां आरोपी सूरज कुमार पुत्र विजय कुमार, नवा शीला देवी अग्रहरि, मु0 उमरपुर हरि बंधनपुर के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 406, आई.पी.सी के तहत मामला दर्ज कर विवेचना कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक रामजीत यादव को सौंपी गई है।
कहा जाता है कि इन दिनों अभिलेखों में किसी तरह की हेराफेरी करके करोड़ों की जमीन हथियाने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व में भी कई ऐसी घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं, जो कि मोहल्ला ख्वाजगी टोला में स्थित एक जमीन जो गड़ही के नाम से जानी जाती थी जो सरकार के अभिलेखों में कैसर ए हिंद के नाम से उक्त जमीन है। लेकिन इसके बाद भी उस पर भूमाफिया अभिलेखों में हेराफेरी करके लाखों रुपए में उक्त जमीन को बेच रहे हैं। इस तरह से आम नागरिकों समेत सरकार की जमीनों पर भी भूमाफिया आसानी से अभिलेखों में फेरबदल कर करोड़ों कमा रहे हैं।
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
एक टिप्पणी भेजें