लंदन । कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में रिसर्च हो रहे हैं। खासकर दुनियाभर के कई देशों में कोरोना वायरस का दूसरा या तीसरा लहर चल रहा है, जो बेहद खतरनाक है। ब्राजील और अमेरिका में अभी भी हजारों लोगों की कोरोना वायरस से हर दिन मौत हो रही है तो भारत में भी अब हर दिन सवा लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में आ रहे हैं और हजार के करीब लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो रही है। ऐसे में कोरोना वायरस से खुद को कैसे बचाया जाए, इसको लेकर कई रिसर्च किए जा रहे हैं। लंदन में चल रही एक नई स्टडी में संभावना जताई गई है कि धूप में ज्यादा वक्त बिताने से कोरोना वायरस से मौत होने का खतरा कम हो जाता है।
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शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर धूप और कोरोना वायरस का कनेक्शन बैठ जाता है तो लोगों की जान बचाने में ये बेहद मदद मिल सकती है। ब्रिटिश 'जर्नल ऑफ डर्मटॉलजी' में छटी स्टडी के मुकाबिक ये शोध अमेरिकी महाद्वीप में जनवरी से अप्रैल 2020 के बीच हुई मौतों के साथ उस दौरान 2474 काउंटी में अल्ट्रावॉइलट स्तर पर तुलना की गई है। रिसर्च टीम ने पाया है कि अल्ट्रावॉइलट किरण के उच्च स्तर वाले इलाकों में कोरोना वायरस से लोगों की कम मौते हुई हैं।
इंग्लैंड और इटली में स्टडी
रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक इंग्लैंड और इटली में भी इसी तरह के स्टडी किए गये हैं। रिसर्चर्स ने इंग्लैंड और इटली में उम्र, समुदाय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व, एयर पॉल्यूशन, उस इलाके का तापमान और स्थानीय इलाके में फैले संक्रमण के स्तर को ध्यान में रखते हुए लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर रिसर्च किया है। स्टडी के मुताबिक धूप में ज्यादा वक्त बिताने से त्वचा से नाइट्रिक ऑक्साइड बाहर निकल जाता है, जिसके बाद कोरोना वायरस की क्षमता शरीर में फैलने की शायद कम हो जाता है और फिर उससे मौत होने की संभावना भी कम हो जाती है। साभार वन इंडिया
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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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