लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा अन्य पदों के लिए कई उम्मीदवार इस बार निर्विरोध चुने गए हैं। पुलिस इसकी जांच कराएगी कि निर्विरोध निर्वाचित होने प्रत्याशी व उनके समर्थकों ने लोगों को डरा-धमकाकर निर्वाचित तो नहीं हुए हैं। उनके विरुद्ध किसी ने पर्चा दाखिल नहीं किया है। कुछ लोगों ने दाखिल भी किया तो उसे वापस ले लिया।
#एडीजी ने जोन के सभी एसएसपी व एसपी को दिया निर्देश
पुलिस इसकी जांच करेगी कि जिन लोगों ने पर्चा वापस लिया है, उसका कारण कुछ और तो नहीं है। पंचायत चुनाव में एक दर्जन से अधिक ऐसे उम्मीदवार हैं, जो निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इनमें से अधिकांश क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। निर्विरोध निर्वाचित होने वालों में कई पूर्व प्रमुख रह चुके हैं, अथवा जनप्रतिनिधि व धनबली हैं। इसमें कुछ माफिया भी शामिल हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को एडीजी ने जोन के सभी आईजी, डीआईजी, एसएसपी व एसपी को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि निर्विरोध चुने गए उम्मीदवारों की जांच करा ली जाए कि कहीं दबाव व बाहुबल के आधार पर वह निर्विरोध तो नहीं चुने गए।
#जिला बदर माफिया भी मैदान में
गोरखपुर के पिपरौली ब्लाक प्रमुख रहे माफिया सुधीर सिंह व उसकी पत्नी ने भी बीडीसी का पर्चा दाखिल किया था। जबकि सुधीर जिला बदर है। डीएम के निर्देश के बाद सुधीर का पर्चा खारिज किया गया, जबकि उसकी पत्नी निर्विरोध बीडीसी चुनी गई हैं। इसी प्रकार कई अन्य प्रत्याशी भी निर्विरोध हुए है।
#तीसरा शस्त्र जमा हुआ या नहीं, कप्तान देंगे प्रमाण पत्र
जोन में तीन शस्त्र रखने वाले सभी लाइसेंसधारियों का तीसरा असलहा जमा हुआ या नहीं इसका प्रमाण पत्र अब प्रत्येक जिले के एसएसपी व एसपी को देना होगा। एडीजी ने गुरुवार को जोन के सभी आईजी, डीआईजी, एसएसपी व एसपी को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि कप्तान लिखित प्रमाणपत्र दें कि उनके जिले में तीन शस्त्र रखने वाले सभी लाइसेंसधारियों का तीसरा असलहा जमा हुआ है अथवा नहीं। एडीजी ने बताया कि आयुध अधिनियम व आयुध संसोधन अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार ऐसे सभी शस्त्र लाइसेंसी जिनके नाम से तीन शस्त्र दर्ज हैं, उन्हें तीसरा लाइसेंस सरेंडर करने के लिए निर्देशित किया गया था।
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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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