जौनपुर। प्रशासन जहां अवैध शराब पर सख्ती कर रहा है वहीं गांवों में शराब घर-घर बंट रही है। इसका कोई हिसाब नहीं है। मगर शराब के ठेकों पर बिकने वाली दारू की खपत भी अचानक दोगुनी हो गई है। देसी से लेकर बीयर व इंगलिश शराब की बढ़ी खपत स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि गांवों में किस कदर शरब पिलाकर मतदाताओं को रिझाया जा रहा है।
पंचायत चुनाव में कुछ दिन शेष देखकर ही गांवों में शराब का दौर तेज हो गया है। कई गांवों में देसी शराब तैयार कर ग्रामीणों के बीच वितरित कराया जा रहा है। वहीं कई प्रत्याशियों ने पेटियों के हिसाब से शराब भूसे और खेत खलिहान में खरीदकर रख ली है। प्रत्याशियों के समर्थक सुबह कुंडी बजाकर घर-घर शराब पहुंचा रहे हैं। हालत यह है दोपहर दो बजे तक ठेकों पर शराब खत्म हो जा रही है।
मार्च महीने के पहले सप्ताह तक जिले में बीयर, देसी व इंगलिश दारू की जितनी खपत थी, अप्रैल के पहले सप्ताह में उससे दोगुनी हो गई है। इससे साफ जाहिर है कि प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए जमकर दारू वितरित कर रहे हैं। ऐसे प्रत्याशियों पर शिकंजा कसने में पुलिस प्रशासन अब तक फेल साबित हुआ है। कही कहीं कुछ शराब पकड़कर खानापूर्ति की जा रही है।
लोगों का कहना है कि पुलिस और आबकारी विभाग अपने लाभ के लिए अवैध शराब बिकवाता है और कई जिलों में विभाग के लोग पकड़े भी गये है।
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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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