अरबों रुपए की ठगी मामले में शाइन सिटी कंपनी के सीएमडी को एसटीएफ ने दबोचा

अरबों रुपए की ठगी मामले में शाइन सिटी कंपनी के सीएमडी को एसटीएफ ने दबोचा

लखनऊ। एसटीएफ ने मंगलवार देर रात विभूतिखंड थानाक्षेत्र से शाइन ग्रुप ऑफ कंपनीज के इंडिया बिजनेस हेड बृजमोहन कुमार सिंह समेत चार को गिरफ्तार किया है। बृजमोहन शाइन सिटी कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम का करीबी है। इस गिरोह ने लोगों को कम समय में मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर अरबों रुपये की ठगी की है। कंपनी के सीएमडी व उसके भाई पर 50-50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को एसटीएफ और अमेठी की गौरीगंज पुलिस ने विभूतिखंड इलाके में दबिश देकर चार ठगों को दबोचा। इनमें शाइन सिटी का टीम लीडर और स्काई ओशियन कंपनी का एमडी झारखंड रांची डूमरदग्गा स्थित शिवाय हाउस बसंत विहार कॉलोनी का निवासी बृजमोहन सिंह शामिल है।
वहीं बुलंदशहर के सूरजपुर कला निवासी अंकित कुमार, झारखंड के विशुनपुरा गढ़वा निवासी फैजान अंसारी और महाराष्ट्र के शोलापुर के घेरडी का सुभाष तुकाराम देवकते को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से 9 मोबाइल, दो लैपटॉप, दो आईपैड, 22 एटीएम कार्ड, 6 पैन कार्ड, 3 आधार कार्ड, दो पासपोर्ट, 3 चेकबुक, एक पासबुक, दो मुहर व एक कार बरामद की है।
कई कंपनियां बना करते थे ठगी
एसटीएफ के मुताबिक, मल्टीलेवल मार्केटिंग के जरिए जनता को कम समय में रकम दोगुना करने का झांसा देकर अरबों रुपये का निवेश कराकर हड़प लिया जाता है। निवेश के लिए शाइन सिटी, शाइन क्वाइन, शाइन फूड्स एंड बेवरेज व स्काई ओशियन नाम से कंपनियां खोलीं। इन कंपनियों का सीएमडी राशिद नसीम है। उसने कंपनी का इंडिया हेड बृजमोहन कुमार सिंह को बना रखा था।
छह प्रतिशत कमीशन पर शुरू किया था काम
एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक, बृजमोहन सिंह ने कुबूल किया कि वह 2017 में मनोज कुमार के जरिये शाइन सिटी कंपनी में टीम लीडर के रूप में जुड़ा। 2017 से 2019 के बीच शाइन सिटी कंपनी में 75 करोड़ रुपये कई स्कीमों में जमा कराए। बदले में उसे 6 प्रतिशत कमीशन मिलता था। उसने करोड़ों रुपये निवेश कराए। बृजमोहन ने बताया कि मई 2019 में राशिद नसीम 8-10 कंपनियों के प्रेसीडेंट के साथ नेपाल गया था जहां उसे नेपाल पुलिस ने दबोच लिया। इसके बाद निवेशकों ने रुपये लगाने बंद कर दिए और कंपनी व टीम लीडरों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए।
2500 से अधिक मुकदमे हैं दर्ज
पुलिस के मुताबिक, शाइन ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ पूरे देश में 2500 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं जिसमें 300 से अधिक लखनऊ में हैं। इसमें टीम लीडर, एजेंट, कंपनी के अधिकारी, सीएमडी राशिद नसीम और उसका भाई आसिफ नसीम भी आरोपी हैं। बृजमोहन ने बताया कि नेपाल से छूटने के बाद राशिद सीधे दुबई चला गया। वहीं उसने अपना कारोबार फैला लिया। इतने केस होने के बाद मामले की जांच ईओडब्ल्यू और ईडी ने शुरू की। ईडी ने भी कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया। लखनऊ कमिश्नरेट के पूर्वी जोन के डीसीपी संजीव सुमन ने कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम और उसके भाई आसिफ नसीम को भगोड़ा घोषित कर उन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
छह माह पहले खोली स्काई ओशियन कंपनी
पुलिस के मुताबिक, जालसाज राशिद नसीम भले ही दुबई में रहने लगा है लेकिन उसकी निगाह में भारत में जालसाजी के कारोबार पर लगी रही। उसने दिसंबर 2020 में बृजमोहन सिंह, अंकित के साथ मिलकर स्काई ओशियन डॉट लाइव के नाम से कंपनी खोली। कंपनी वेबसाइट व सॉफ्टवेयर डवलपर और आईटी का काम करती थी। इस कंपनी ने स्कीम लॉन्च की जो शाइन सिटी के सुनील कुमार और मयूर ने डिजाइन की। इसमें निवेश करने पर आधा प्रतिशत की दर से प्रतिदिन का ब्याज दिए जाने का लालच दिया गया। वहीं टीम लीडरों को दस प्रतिशत सीधे और दस प्रतिशत बाइनरी कमीशन का लालच दिया। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया है कि कंपनी के प्रमोशन के लिए लगातार मीटिंग शुरू होने लगी। राशिद नसीम जूम मीटिंग के जरिये लोगों को स्कीम समझाने लगा। इस कंपनी में आईटी का काम अंकित करता था। वहीं टीम के साथ मिलकर बृजमोहन लोगों से मोटी रकम निवेश कराने लगा।
टीम लीडरों को कराई दुबई की यात्रा
पुलिस के मुताबिक, स्काई ओशियन ग्रुप में मोटी रकम निवेश कराने के लिए 80 टीम लीडरों को दुबई की यात्रा कराई गई। 16 मार्च को सभी टीम लीडर दुबई के डाउन टाउन पहुंचे। तीन दिन तक होटल हयात रिजेंसी व ओबेरॉय में पार्टी व मीटिंग की गई। जहां निवेश कराने के बदले मोटे कमीशन की घोषणा की। इस मीटिंग में बृजमोहन, फैजान अंसारी, अंकित और सुभाष तुकाराम भी थे।
क्रिप्टो करेंसी भी लॉन्च की
पूछताछ में सामने आया है कि दुबई में ही स्काई ओशियन टोकेन (एसओटी) के नाम से स्काई ओशियन कंपनी ने क्रिप्टो करेंसी लॉन्च की। इन सबसे करोड़ों रुपये कमाए। कपंनी का खर्च व एजेंटों का कमीशन निकालकर राशिद नसीम व अंकित ने आपस में बांट लिया। पुलिस के मुताबिक, शुरुआत में वे निवेशकों को रुपये वापस करते थे और जब ज्यादा रुपये जमा हो जाते तो वह कंपनी बंद कर भाग जाते थे। इसके बाद नई कंपनी व वेबसाइट लॉन्च कर देते थे।
नई कंपनी के प्रमोशन को आया था लखनऊ
पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए चारों आरोपी लखनऊ में मुकदमे दर्ज होने के बाद छिपकर रहने लगे। राशिद नसीम दुबई में छिपा था तो वहीं बृजमोहन ने साथियों संग गोवा में ठिकाना बनाया था। वह नई कंपनी के प्रमोशन के लिए गोवा से मुंबई, सूरत, दिल्ली, कोलकाता, बंगलूरू और उसके बाद लखनऊ पहुंचा था। यहां उसने कई लोगों के साथ मीटिंग की और निवेश का लालच दिया। इस मामले में कंपनी के खिलाफ अमेठी के गौरीगंज थाने में केस दर्ज किया गया था जिसकी जांच की जा रही है। एसटीएफ मामले से जुड़े टीम लीडरों व एजेंटों की कुंडली खंगाल रही है। साभार अमर उजाला।

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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह

जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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