जौनपुर एवं आजमगढ़ के डीएम रह चुके सुहास.एल.वाई ने टोक्यो पैरालंपिक में रचा इतिहास, मेडल किया पक्का

जौनपुर एवं आजमगढ़ के डीएम रह चुके सुहास.एल.वाई ने टोक्यो पैरालंपिक में रचा इतिहास, मेडल किया पक्का

टोक्यो पैरालंपिक  में बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास.एल.वाई ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स के एसएल4 क्लास सेमीफाइनल में सुहास ने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतिवान को सीधे सेटों में 2-0 से हराया।

नोएडा के डीएम सुहास यतिराज ने सेमीफाइनल मुकाबला सिर्फ 30 मिनटों में 21-9, 21-15 से जीता. सुहास से पहले प्रमोद भगत (Pramod) भी एसएल3 क्लास के फाइनल में पहुंचे हैं. अब तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैंडमिटन में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा नहीं कर सका है. अब प्रमोद और सुहास के पास भारत की तरफ से बैडमिंटन में पहला गोल्ड जीतने का मौका है।

फाइनल में पहुंचते ही सुहास ने भारत का 15वां पदक पक्का कर दिया है. भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में अब तक दो गोल्ड, छह सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल जीता है. बैडमिंटन में लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने कांस्य, रियो 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर और टोक्यो 2020 में सिंधु ने कांस्य पदक जीता था. फाइनल में पहुंचते ही सुहास यतिराज प्रमोद भगत के बाद ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन में मेडल जीतने वाले दूसरे पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. सुहास और प्रमोद का कम से कम सिल्वर मेडल पक्का हो चुका है. फाइनल में उनके पास मेडल का रंग बदलने का मौका है।

File photo


रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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