महंत नरेंद्र गिरि की मौत प्रकरण का तार जौनपुर से हो सकता है जुड़ा, सीबीआई टीम कभी भी धमक सकती हैं यहां

महंत नरेंद्र गिरि की मौत प्रकरण का तार जौनपुर से हो सकता है जुड़ा, सीबीआई टीम कभी भी धमक सकती हैं यहां

जौनपुर । महंत नरेंद्र गिरि मामले में जौनपुर आ सकती है सीबीआइ टीम, शिष्य अभिषेक सानिध्य में रहकर बन गया करोड़पति

प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआइ जांच की जद में जौनपुर भी आ सकता है। उनकी मौत के बाद खुटहन क्षेत्र का बिशुनपुर गांव चर्चा में आ गया है। इसकी वजह है इसी गांव का युवा शिष्य अभिषेक हैं।

प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआइ जांच की जद में जौनपुर भी आ सकता है। उनकी मौत के बाद खुटहन क्षेत्र का बिशुनपुर गांव चर्चा में आ गया है। इसकी वजह है इसी गांव का युवा शिष्य अभिषेक। गांव में आलीशान मकान बनवाकर अभिषेक ने गत वर्ष मई में तिलकोत्सव किया था। इसमें महंत नरेंद्र गिरि भी शामिल होने आए थे। लगभग दो एकड़ भूभाग में बने आलीशान भवन की कीमत पांच से छह करोड़ रुपये आंकी जा रही है।

महंत की संदिग्ध मौत के बाद उनके शिष्य के स्वजन ने मुंह पर ताला लगा रखा है। गांव की बाजार में किराना व पशु आहार की दुकान चलाने वाले सत्य प्रकाश मिश्र के दो पुत्रों में अंबुज बड़ा व अभिषेक छोटा है। बचपन में दोनों शिक्षा-दीक्षा के लिए प्रयागराज चले गए। महज १२ वर्ष की अवस्था में अभिषेक बाघम्बरी अखाड़े से जुड़ गया। इसी दौरान अभिषेक महंत नरेंद्र गिरि के संपर्क में आकर उन्हीं के साथ रहने लगा।

नक्शा के अनुसार इसके लिए दो एकड़ भूभाग की जरूरत थी। उनके पास दो बीघा ही भूमि उपलब्ध थी। बताते हैं कि बगल के किसान से एक बीघे भूमि का हस्तांतरण किया गया। बदले में किसान को उतनी ही भूमि के अलावा दस लाख रुपये भी दिए। इसके बाद निर्माण शुरू कराया। छह माह के भीतर आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण आलीशान भवन तैयार हो गया। तभी से अभिषेक मिश्र क्षेत्र में चर्चित हो गए। हर कोई हतप्रभ था कि आखिर २३ वर्ष के अभिषेक के पास इतना अकूत धन कहां से आ गया।साभार जेएनएन।

फाइल अगर


रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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