नई दिल्ली । साइबर सेल की टीम ने लोन कराने के लिए लोगों से कैंसिल चेक और प्रोसेसिंग फीस का चेक लेकर खातों से रकम उड़ाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है।
इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से मैजिक पैन, 10 मोबाइल फोन, 32 चेक, लैपटॉप, कार व स्कूटी बरामद की है। पुलिस का कहना है कि आरोपी सिक्योरिटी और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर और बीमा कराने के लिए लोगों से जो भी चेक लेते थे उसे खुद के द्वारा दिए गए मैजिक पैन से ही भरवाते थे। बाद में चेक की स्याही को रबर से मिटा देते थे या फिर आग की लौ से उसे उड़ाकर चेक में मनमाफिक रकम भरकर लोगों के खाते खाली कर देते थे। पूछताछ में आरोपियों ने 500 से अधिक लोगों से 50 लाख रुपए से ज्यादा की रकम हड़पने की बात कबूली है।
एसपी क्राइम डा.दीक्षा शर्मा ने बताया कि जिले की साइबर सेल के प्रभारी सुमित कुमार को बीते दिनों मैजिक पैन से चेक भरवाकर खाते से रकड़ उड़ाने वाले गैंग के बारे में शिकायत और सूचना मिली थी। इस पर टीम ने काम किया और दो आरोपी गिरफ्तार किए गए। पकड़े गए आरोपियों में रमाला, बागपत निवासी सुनील शर्मा और प्रयागराज निवासी रजनीकांत शुक्ला शामिल हैं। एसपी क्राइम ने बताया कि सुनील शर्मा ऐसे ही एक मामले में मेरठ से वर्ष 2019 में भी जेल जा चुका है। सुनील शर्मा ही ठगी के इस धंधे का मास्टरमाइंड है।
इंश्योरेंस कंपनी में काम करने के दौरान सीख ली थीं बारीकियां
एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी पूर्व में एक निजी बीमा कंपनी के दिल्ली स्थित दफ्तर में काम करते थे। बीए पास सुनील शर्मा और बीए-एलएलबी पास रजनीकांत ने वहीं ग्राहकों से बातचीत का तरीका और बीमा व लोन संबंधी दस्तावेजों की जानकारी कर ली थी। इसके बाद दोनों आरोपियों ने बीमा और लोन कराने का खुद का ही धंधा खोल लिया था। इसके लिए आरोपियों ने अपने विजिटिंग कार्ड छपवा रखे थे। रजनीकांत जहां भी जाता था वहां लोगों को अपने विजिटिंग कार्ड बांट देता था। आरोपी चंद घंटों में लोन कराने का दावा कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते थे।
फर्जी आधार कार्ड पर लिए सिम से करते थे लोगों को कॉल
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि आरोपियों ने अपने फर्जी आधार कार्ड बनवा रखे थे। जिनके आधार पर लिए गए सिम से वह लोगों को कॉल करते थे। लोन के इच्छुक लोगों के घर पहुंच कर आरोपी बातचीत कर उनका भरोसा जीत लेते थे। भरोसा होने पर आरोपी प्रोसेसिंग फीस और सिक्योरिटी के रूप में जो चेक उनसे लेते थे उन्हें अपने मैजिक पैन से भरवाते थे। बाद में चेक की स्याही उड़ाकर या मिटाकर उसमें मनमाफिक रकम भरकर लोगों के खातों से रकम निकाल लेते थे। साथ ही ग्राहक को दिए गए नंबर को बंद कर देते थे।
कुछ घंटों के लिए करा देते थे मोबाइल बंद या कॉल ट्रांसफर
पुलिस की मानें तो आरोपी बेहद शातिराना अंदाज में लोगों से ठगी करते थे। अगर कोई व्यक्ति उनसे 1 लाख रुपए का लोन दिलाने की बात कहता था तो उससे तीन दिन के लिए उसके बैंक खाते में 1 लाख रुपए की रकम जमा कराने को कहते थे, ताकि बैंक अधिकारियों को ग्राहक की हैसियत पर कोई शक न हो। इसके बाद ग्राहक द्वारा दिए गए चेक पर 1 लाख रुपए की रकम भरकर उसके खाते में लगा देते थे। चेक पास होने के दौरान आरोपी पीडि़त ग्राहक का या तो मोबाइल बंद करा देते थे या फिर उसकी कॉल को अपने नंबर पर ट्रांसफर करा लेते थे। वह लोगों से कहते थे कि बैंक से इंक्वारी की कॉल आने वाली है इससे बचने के लिए या तो अपना मोबाइल बंद कर लो या फिर कॉल उनके नंबर पर ट्रांसफर कर दो। पुलिस की मानें तो जो भी शख्स आरोपियों के झांसे में फंस जाता था उसे ही यह ठग लेते थे।
अपील
एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने लोगों से अपील की कि वह बैंक और अन्य जरूरी दस्तावेजों पर किसी दूसरे के द्वारा दिए गए पैन का इस्तेमाल कतई न करें। लोन व बीमा आदि के अलावा सभी चेक भरते समय अपने ही पैन का इस्तेमाल करें। बैंक जाते वक्त भी अपना पैन साथ ले जाएं। संभव है कि सामने वाला शख्स आपको मैजिक पैन देकर आपके चेक या फिर दस्तावेजों का दुरुपयोग कर ले। दीक्षा का कहना है कि सावधानी ही धोखाधड़ी से बचने का एक मात्र तरीका है। साभार एनटी।
फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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