मुरादाबाद। मैनाठेर के नूरपुर गांव में जीआरपी के सिपाही विमल कुमार ने अपनी प्रेमिका के साथ शादी करने के लिए साजिश रचकर पत्नी पुष्पा की हत्या कराई थी। पुलिस का दावा है कि सिपाही इस घिनौनी करतूत में उसके मां बाप भी शामिल थे।
इसके अलावा दो अन्य लोगों को 55 हजार रुपये की सुपारी दी गई थी। पुलिस ने आरोपी सिपाही, उसकी प्रेमिका और उसके मां-बाप को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
एसएसपी बबलू कुमार ने शुक्रवार दोपहर बताया कि मैनाठेर थानाक्षेत्र के नूरपुर गांव निवासी विमल कुमार यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात है। इन दिनों उसकी ड्यूटी बरेली सिटी जीआरपी थाने की भोजीपुरा पुलिस चौकी पर चल रही थी। नौ साल पहले विमल की शादी सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के शेरुआ धर्मपुर गांव निवासी पुष्पा (30) के साथ हुई थी। रविवार रात पुष्पा की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मायके वाले हत्या का आरोप लगा रहे थे, जबकि ससुराल वालों का कहना था कि बीमारी के चलते पुष्पा की मौत है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश शुरू की। महिला के पति और उसके मां-बाप व अन्य लोगों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई। जिससे पता चला कि सिपाही की हापुड़ जनपद के बहादुरगढ़ थानाक्षेत्र के कटिया जाफराबाद निवासी अलका से फोन पर लंबी बातचीत होती है। अलका सरकारी नर्स है। अलका के नंबर से विमल के मां-बाप से भी बात होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने सिपाही विमल, अलका, सिपाही मां ऊषा, पिता पंजाब सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि विमल और अलका के ढाई साल से संबंध थे। छह माह पहले सिपाही के मां-बाप को भी इसकी जानकारी हो गई थी। मां भी अलका को अपनी पुत्रवधु की तरह मानने लगी थी। इसके बाद सभी ने पुष्पा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। सिपाही उसकी प्रेमिका ने पुष्पा की हत्या कराने की साजिश रची। जिसमें सिपाही ने अपने मां-बाप को भी इसमें शामिल कर लिया था। इसके लिए अलका ने अपने भतीजे सुंदर, निशांत और एक अन्य को 55 हजार रुपये की सुपारी दी थी
इस तरह दिया हत्या को अंजाम
20 मार्च की रात नर्स अपनी कार से नूरपुर गांव पुष्पा की हत्या करने पहुंच गई। साजिश के तहत कार पहुंचने पर पुष्पा की सास ने दरवाजा खोल दिया था। इसके बाद अलका, ऊषा ने पुष्पा का गला दबा दिया, जबकि निशांत, बुलंदशहर निवासी व्यक्ति ने हाथ पैर पकड़ लिए थे। इस दौरान पंजाब सिंह ने गेट पर खड़े होकर पहरेदारी की थी। हत्या करने के बाद तीनों आरोपी मकान से बाहर निकल आए और कार में बैठकर फरार हो गए थे। कार को सुंदर चला रहा था। एसएसपी ने बताया कि सुंदर और निशांत के पकड़े जाने के बाद पता चलेगा कि सातवां आरोपी कौन था। शुक्रवार दोपहर बाद तीनों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। साभार ए. यू।
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Police ki girft mein aaropi |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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