साल भर में सिर्फ 12 दिन आती हैं स्कूल ये शिक्षक,प्रधानाध्यापक की भी हिम्मत नहीं की लगा दे एबसेंट

साल भर में सिर्फ 12 दिन आती हैं स्कूल ये शिक्षक,प्रधानाध्यापक की भी हिम्मत नहीं की लगा दे एबसेंट

गोंडा। नकई सरकारी प्राथमिक विद्यालय में काम कर रही अध्यापिका मीनाक्षी सिंह महीने में एक बार विद्यालय आती हैं. वह भी उपस्थिति लगाने... और यह बात हम नहीं विद्यालय के बच्चे प्रधानाध्यापक और अन्य अध्यापक कह रहे हैं.

इस बात की पुष्टि स्कूल में रखा अटेंडेंस रजिस्टर भी कर रहा है. लेकिन, बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल की हिम्मत नहीं है कि वह इस रजिस्टर में अध्यापिका के आगे अनुपस्थित लिख दें. क्योंकि उसे डर है अपनी जान का और अपनी नौकरी का. अभी तक आपने विधायकों-सांसदों और मंत्रियों के रसूख देखे होंगे. आइए आपको दिखाते हैं एक अध्यापिका के दबंग भाई का रसूख.

25 दिन से स्कूल नहीं आई हैं मीनाक्षी
मामला बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय नकई पुरवा का है. यहां पर कहने को तो 4 अध्यापक तैनात हैं और बच्चों की भी अच्छी खासी संख्या है, लेकिन चार में से केवल तीन टीचर ही रोजाना आते हैं. एक अध्यापिका मीनाक्षी सिंह महीने में केवल एक बार आती हैं. वह भी रजिस्टर में अपनी अटेंडेंस दर्ज करने. यहां पढ़ रहे छात्रों के अनुसार, 25 दिन से वह विद्यालय नहीं आई हैं. वहीं, प्रधानाध्यापक भी मानते हैं कि काफी समय से वे विद्यालय नहीं आ रही हैं और वेतन ले रही हैं.

अपने ससुराल में रहती हैं मीनाक्षी
उनका कहना है कि रजिस्टर में मीनाक्षी की एबसेंट लगाने से भी लोग डरते हैं. क्योंकि उनके परिवार के लोग दबंग और राजनैतिक रसूख के हैं. वहां काम कर रही एक और अध्यापिका का कहना था कि 8 अप्रैल से अभी तक मीनाक्षी नहीं आई हैं. वह अपने ससुराल में रहती हैं. हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते, बच्चों ने जो कहा है वह सही है.

ऐसे सभी टीचरों के खिलाफ हो कार्रवाई
पूरे मामले पर जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार का कहना है कि बीएसए और एबीएसए को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जो ऐसे अध्यापक हैं, रोज अनुपस्थित रहते हैं, विद्यालय में क्यों नहीं आ रहे हैं? इसपर कार्रवाई की जाए. उन्होंने बताया है कि मामला आज संज्ञान में आया है. इसके पहले भी एक टीचर को निलंबित किया जा चुका है. उनके बारे में पता चला था कि वह पहले नहीं आ रही थीं. यह सब कार्रवाई होती रहेगी. बीएसए को अग्रेषित किया गया है कि उन सभी विद्यालयों में, जहां शिक्षक नहीं आते, उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए. तथ्य सामने आते ही विभागीय कार्यवाही की जाएगी.

टीचरों की ड्यूटी का हिस्सा है स्कूल में पूरा समय देना
डीएम ने कहा है कि स्कूल आना टीचरों की ड्यूटी का हिस्सा है. अगर वह नहीं आते हैं और पढ़ाई कराने में बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके संदर्भ में आज ही निर्देश दे दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त सभी अभिभावक से डीएम ने अपील की है कि अगर आप के प्राथमिक विद्यालय में कोई भी अध्यापक नहीं आ रहा तो उसकी सूचना हमको अवश्य दें. साभार जी मीडिया।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने