जौनपुर। कांशीराम आवासीय कालोनी सिददीकपुर का मंगलवार को ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट ने कई दर्जन लेखपालों के साथ छानबीन किया गया तो तो सत्तर प्रतिशत लोग वहां नहीं मिले, जिनके नाम से उक्त आवास की स्वीकृति दी गयी है।
बताया गया है ज्वाइण्ट मजिस्ट्रेट सदर हिमांंशु नागपाल ने 50 लेखपालों के साथ कांशीराम आवास पर कई शिकायतों के बाद इस बात की जांच करायी कि जिन्हे यह आवास नियमतः लिखित रूप से दिया गया है।
उक्त जांच में पाया गया कि महज 30 प्रतिशत वास्तविक लोग ही आवास में मौजूद है। जबकि अन्य में उनके रिश्तेदार, करीबी, मित्र अथवा अन्य लेन देन कर उन्हे उसमें रखा गया है। जांच की जानकारी मिलते ही किराये पर दिये गये आवास के असली मालिको में खलबली मच गयी।
अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में नोटिस देकर अथवा अन्य किस प्रकार की कार्यवाही को अंजाम देता है।
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जांच करते जेएम |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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