चंबल के बीहड़ों के खूंखार डकैत की पत्नी बनी सरपंच

चंबल के बीहड़ों के खूंखार डकैत की पत्नी बनी सरपंच

गुना।  चंबल के बीहड़ों के सबसे खूंखार डकैत रहे मलखान सिंह की पत्नी को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच चुना है। गुना जिले की आरोन इलाके की सिनगयाई पंचायत में पूर्व बागी मलखान सिंह की पत्नी ललिता राजपूत ने सरपंच पद के लिए नामांकन भरा था, जिसके बाद गांव वालों ने एकजुट होकर पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी को निर्विरोध सरपंच चुन लिया है।

ललिता राजपूत ने कहा कि पिछले 20 साल से गांव में विकास नहीं हो पाया है, सड़क से लेकर पानी तक कोई व्यवस्था नहीं है। अब गांव वालों ने निर्विरोध सरपंच चुना है तो यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं गांव को एक बेहतर आदर्श गांव के रूप में विकसित करूंगी।

बता दें कि गुना जिले की आरोन इलाके की सिनगयाई ग्राम पंचायत एक ऐसी पंचायत है जिसमें अभी तक सरपंच और सभी पंच महिलाएं हैं। इसी के चलते पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी ललिता राजपूत ने गांव में सरपंच पद के लिए इच्छा जताई थी और उसके बाद गांव वालों ने एकजुट होकर ललिता राजपूत को सरपंच के पद पर निर्विरोध चुन लिया। ललिता राजपूत के पति और पूर्व खूंखार डकैत मलखान सिंह ने कहा कि गांव में शुरू से ही बिजली, सड़क और पानी की समस्या है। लेकिन अब ग्रामीणों की भरोसे पर गांव में विकास कराया जाएगा। इसके साथ ही सिंह ने कहा कि गांव में किसी भी कीमत पर कोई भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे और इसके साथ ही गांव में किसी तरह का कोई झगड़ा और आपसी रंजिश भी नहीं चलने देंगे।

80 के दशक में बोलती थी तूती
गौरतलब है कि पूर्व डकैत मलखान सिंह चंबल के सबसे खूंखार डाकुओं में शुमार रहा है। चंबल के बीहड़ में 80 के दशक में डाकू मलखान सिंह की तूती बोलती थी। 80 के दशक में लगभग एक लाख के इनामी मलखान सिंह पर एक सैकड़ा से अधिक हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण, लूट के मामले दर्ज थे। उसके बाद 1982 में डाकुओं के सरदार रहे मलखान सिंह और उनकी गैंग ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद मलखान सिंह 6 साल तक जेल में रहा और 1989 में सभी मामलों में बरी करके उसे रिहा कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद मलखान सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए और वह लगातार सरकार के खिलाफ और नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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