जंगल में पेड़ कटवाने वाले दारोगा निलंबित,लंबे समय से चलवा रहे थे अवैध रूप से पेड़ कटवाने का काम

जंगल में पेड़ कटवाने वाले दारोगा निलंबित,लंबे समय से चलवा रहे थे अवैध रूप से पेड़ कटवाने का काम

गोरखपुर । तिनकोनिया रेंज के कंपार्टमेंट नंबर सात से 12 पेड़ काटने के आरोप में मंगलवार को वन दारोगा आशुतोष तिवारी को निलंबित कर दिया गया। दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले वाचर रामदवन को हटा दिया गया।

इसके साथ ही साथ वन क्षेत्राधिकारी रामसूरत को निलंबित किये जाने के लिए अनुग्रह पत्र लखनऊ भेजा गया है। वन निगम के ठीकेदार व वाचर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने जा रहा है। तीन अलग-अलग बिंदुओं पर जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जांच के बाद अन्य वन कर्मियों पर भी कार्रवाई होगी।

यह है मामला

बता दें डीएफओ विकास यादव को सूचना मिल रही थी कि तिनकोनिया रेंज के रजही बीट के कंपार्टमेंट नंबर सात में तस्कर बड़े पैमाने पर साखू व सागौन के पेड़ों की कटान कर रहे हैं। डीएफओ रविवार की रात मौके पर जाकर देखा तो उन्हें वहां 12 पेड़ों के बूट(कटा हुआ जड़) दिखे। पेड़ वहां से गायब थे। इसे लेकर उन्होंने छानबीन कराई तो प्रथम दृष्टया ही बड़े पैमाने पर लापरवाही देखने को मिली। अब विभाग इसकी जांच कर रहा है कि यह लापरवाही है या जान बूझकर तस्करों को पेड़ काटने का मौका दिया जा रहा है।

लंबे समय से चल रहा है अवैध रूप से पेड़ काटने का काम

तिनकोनिया रेंज में अवैध रूप से पेड़ों को काटने का काम लंबे समय से चल रहा है। मंगलवार को मौके पर जांच में गई वन विभाग की टीम को भी इस सच्चाई का पता चला। कंपार्टमेंट नंबर सात में हजारों की संख्या में साखू व सागौन के पेड़ गिरे हैं। तमाम पेड़ सूख चुके हैं, उनकी छपान नहीं हो सकी है। वन विभाग सूखे व काटे जाने वाले पेड़ों पर एक मुहर लगाता है। इसे छपान कहते हैं। छपान लगाने के साथ वन विभाग इसकी सूचना वन निगम को देता है कि वह पेड़ों की कटाई करके ले जाए।

डेढ़ दशक से चल रहा है यह खेल

इसमें लंबे समय से खेल यह चल रहा है कि वनकर्मी सभी सूखे व गिरे पेड़ों छपान नहीं करता है और जंगल में जब वन निगम का ठीकेदार अपने लोगों के साथ पेड़ों की कटान के लिए आता है, उसी समय तस्कर भी जंगल में घुसते हैं और जिन पेड़ों की छपान नहीं हुई रहती है, उसे वह काटकर उठा ले जाते हैं। ऐसे में यदि मौके से 20 छपान के पेड़ ठीकेदार के लोगों के द्वारा काटे जाते हैं तो 40 पेड़ तस्कर अपने लोगों के माध्यम से काट ले जाता है। तिनकोनिया रेंज में यह कार्य करीब डेढ़ दशक से चल रहा है।

यह मामला संज्ञान में आने के बाद जांच के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं। एक टीम इसकी जांच करेगी कि बीते वर्षों में विभाग द्वारा कितने पेड़ों की छपान हुई है और मौके से कितने पेड़ काटे गए हैं। इसमें एक-एक पेड़ की नापजोख होगी कि पेड़ वही काटे गए हैं या दूसरे। पेड़ों की छपान क्यों नहीं की जा रही थी, इसकी जांच करेगी। तीसरी टीम वनकर्मियों के भूमिका की जांच करेगी। इसमें कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ताकि यह प्रदेश के लोगों के लिए एक मिसाल बने। - विकास यादव, डीएफओ। साभार  जेएनएन।

सांकेतिक चित्र

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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