मुख्य चिकित्साधिकारी ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का किया उद्घाटन

मुख्य चिकित्साधिकारी ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का किया उद्घाटन

जौनपुर । गुरुवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का उद्घाटन किया। इस मौके पर आयोजित गोष्ठी में उन्होंने बताया कि यह पखवाड़ा 15 जून तक चलेगा। इस दौरान आशा कार्यकर्ता के माध्यम से प्रत्येक परिवार को ओआरएस का पैकेट बांटा जायेगा। किसी परिवार में दस्त से पीड़ित बच्चा मिलेगा तो उसे दो पैकेट ओआरएस के साथ जिंक टैबलेट का भी दिया जायेगा।

ORS का महत्व बताया

गोष्ठी के दौरान उन्होंने ओआरएस का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि हर परिवार को जागरूक करने के लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ओआरएस का मतलब जीवनरक्षक घोल है। इससे दस्त रोग से बच्चों के जीवन की रक्षा होती है। इससे बच्चे की मृत्यु नहीं हो पाती है। पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ता ओआरएस घोल बनाने के तरीके एवं बच्चों को पिलाये जाने के तरीकों की जानकारी दे रही हैं।

दस्त से 13 प्रतिशत बाल मृत्यु दर

एसीएमओ आरसीएच डॉ सत्य नारायण हरिश्चंद्र ने बताया कि प्रदेश में प्रति 1,000 बच्चों में से 48 बच्चों की बाल्यावस्था में ही मौत हो जाती है। पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 10 प्रतिशत बच्चे दस्त के कारण जान गंवा देते हैं। प्रदेश में प्रति वर्ष लगभग 28,000 बच्चे दस्त के कारण दम तोड़ देते हैं। बच्चों की मौत के प्रमुख कारणों में दस्त दूसरे स्थान पर है। कुल बाल मृत्यु का 13 प्रतिशत मात्र दस्त से होती है।

जिंक की गोली है उपचार

इसका उपचार ओआरएस एवं जिंक की गोली मात्र से किया जा सकता है और बालमृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। विकासशील देशों में दस्तरोग ज्यादा है। इसका मुख्य कारण दूषित पेयजल, स्वच्छता की कमी, शौचालय का अभाव तथा पांच वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना है। अत: डायरिया से बचाव एवं प्रबंधन के लिए प्रति वर्ष दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम चलाया जाता है। इस वर्ष एक जून से 15 जून तक यह कार्यक्रम चलाया जायेगा। साभार डीबी।

दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ करती सीएमओ

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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