फर्जी एसओजी बनकर लोगों के साथ ठगी करने वाले चढ़े पुलिस के हत्थे

फर्जी एसओजी बनकर लोगों के साथ ठगी करने वाले चढ़े पुलिस के हत्थे

आजमगढ़ । जिले में फर्जी एसओजी टीम का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। गिरोह में शामिल ये बदमाश एसओजी की तर्ज पर राह चलते किसी को उठा कर करते वसूली थे।

आरोपियों के कब्जे से 1.28 लाख नकद, 4.6 लाख के जेवरात, एक बंदूक, कारतूस, बाइक और स्कार्पियो बरामद हुआ है। एसपी अनुराग आर्य ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस गिरोह पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई कर संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।

पुलिस कप्तान अनुराग आर्य ने बताया कि फूलपुर कोतवाली के रीवा सुल्तानपुर निवासी महेंद्र यादव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 26 अप्रैल को वह बाइक से अहरौला थाना के कटवा गहजी निवासी मनोज गौतम के घर जा रहा था। मनोज के घर के सामने नहर पर स्कार्पियो में बैठे कुछ लोगों ने उसे रोक लिया। खुद को एसओजी टीम बताते हुए पूछताछ के नाम पर अपने स्कार्पियो में बैठा कर अगवा कर लिया।

मारपीट कर 10 लाख रुपये की मांग की गई। छोटे भाई को फोन लगाया तो उसकी पत्नी अनामिका ने फोन उठाया। आरोपियों ने धमकी देते हुए कहा कि पति की जान बचानी है तो एक घंटे में 10 लाख रुपये लेकर आओ। महेंद्र के परिजन जब तक पैसों की व्यवस्था नहीं कर सके तब तक उसे स्कार्पियो में बैठा कर इधर-उधर घुमाते रहे।

कोयलसा के पास उन लोगों ने पैसों के साथ परिजन को बुलाया था। महेंद्र के भाई की पत्नी 3.60 लाख नकद और 6.50 लाख के जेवरात लेकर वहां पहुंची तो स्कार्पियो सवार बदमाशों ने उसे धक्का देकर गिरा दिया और कैश व जेवरात वाला बैग छीनकर फरार हो गए। शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस फर्जी एसओजी टीम की तलाश में जुट गई।

एसपी ने बताया कि अहरौला पुलिस ने मंगलवार रात गोसाईपुरा गांव के पास एक्सप्रेसवे अंडर पास पुलिया से चार लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में चारों ने अपना नाम राजेंद्र पाठक निवासी शिवरा थाना सिकरारा जिला जौनपुर, सूर्यभान गौतम निवासी बनकट थाना अहरौला, प्रहलाद मौर्य निवासी टाड़ा थाना बड़हलगंज जिला गोरखपुर व मनीष पाठक निवासी ठुकमुद्दीपुर थाना महराजगंज बताया। इनके पास से पुलिस ने 1.28 लाख नकद, 4.6 लाख के जेवरात, एक बंदूक, कारतूस, बाइक व स्कार्पियो बरामद किया।

सीआईए के नाम से चलाते हैं वेबसाइट पुलिस की पूछताछ में चारों ने बताया कि वे सीआईए के नाम से एजेंसी (वेबसाइट) चलाते हैं। इसके माध्यम से लोगों से संपर्क कर वसूली भी करते हैं। ये अपनी गाड़ी को पुलिस की तर्ज पर ही तैयार करते हैं। इसके साथ ही लोगों से खुद को पुलिस व प्रशासन का नजदीकी बताते हैं।

कई जनपदों में फैला है नेटवर्क फर्जी एसओजी टीम का आजमगढ़ के अलावा अन्य जनपदों में भी नेटवर्क हो सकता है। इसका पता लगाने में पुलिस टीम जुटी हुई है। एसपी ने बताया कि इस फर्जी एसओजी टीम के अन्य सदस्यों का पता लगाने के साथ ही गिरफ्तारी की कवायद में टीम लगा दी गई है। साभार ए. यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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