ग्रेटर नोएडा। जारचा थाने पर तैनात रहे दरोगा योगेंद्र यादव को 7 जून को एंटी करप्शन टीम मेरठ ने रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में पीड़ित शिकायतकर्ता के भाई को दो दरोगा ने कॉल कर धमकी दी है।
आरोपियों ने कहा कि या तो योगेंद्र सिंह का समर्थन करो या फिर गांव छोड़कर चले जाओ। इसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने दोनों दरोगा आनंद कुमार और विनीत कुमार को निलंबित कर दिया। दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है।
2 मई को कलोंदा गांव में रिफाकत व जैद पक्ष में झगड़ा हुआ था। रिफाकत पक्ष के खिलाफ एनसीआर काटी गई थी। 25 मई को दोनों पक्षों में लिखित समझौता हो गया। 28 मई को फैसले के साथ दोनों पक्ष कोतवाली प्रभारी के समक्ष प्रस्तुत हुए। आरोप है कि इसके बाद 1 जून को दरोगा योगेंद्र ने रिफाकत के आवास पर दबिश डाली। दरोगा ने कहा कि वह फैसला नहीं मानते और एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी। मामला 40 हजार रुपये में तय हो गया। 4 जून को जारचा कोतवाली के पास होटल पर दस हजार दे दिए गए, बाकी 30 हजार रुपये 7 जून को कोतवाली के पास होटल पर दिए गए। इस बीच वहां मेरठ की एंटी करप्शन टीम ने दरोगा योगेंद्र सिंह को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस के डर से छोड़ा था गांव
पीड़ित रफाकत ने पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया है कि 8 जून को दरोगा आनंद और विनीत उसके घर पर पहुंचे, लेकिन रफाकत इससे पहले ही पुलिस के डर से परिवार समेत गांव छोड़ चुका था। दोनों ने रात 11:04 बजे रफाकत के भाई नन्हे के मोबाइल पर कॉल कर धमकी दी कि अगर योगेंद्र यादव का समर्थन नहीं किया और गांव नहीं छोड़ा तो अच्छा नहीं होगा। पीड़ित पक्ष ने इस मामले में आरोपियों का ऑडियो अधिकारियों को उपलब्ध कराया। एडीसीपी विशाल पांडेय ने बताया कि दोनों दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। साभार ए. यू।
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सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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