1972 से लंबित मुकदमे में पीड़ित को 49 साल बाद मिला न्याय, चकबंदी अधिकारी का ऐतिहासिक फैसला

1972 से लंबित मुकदमे में पीड़ित को 49 साल बाद मिला न्याय, चकबंदी अधिकारी का ऐतिहासिक फैसला

रंजीत

जौनपुर । जनपद में 08/05/1972 को हुआ बैनामा मे चल रहे नामांतरण वाद में लगभग 49 वर्ष बाद न्यायालय चकबंदी अधिकारी सदर जौनपुर द्वारा किया गया। ऐतहासिक फैसला

वादी दीपक कुमार पुत्र स्व० श्रीपति निवासी- चककोठियातारा फतेहगंज जौनपुर के पिता जी ने 08/05/1972 को शिवमुरत सिंह पुत्र स्व० सरजू से बैनामा करवाया था जिसमे प्रतिवादी के वारिसान अरविंद सिंह आदि द्वारा तरमिन रोकने के लिए विभिन्न प्रकार से बैनामा को झूठा साबित करने के लिए फ़र्ज़ी मुकदमा करके अरविंद सिंह आदि द्वारा अभी तक कब्जा नही लेने दिया गया था।
जिसके बावत चकबंदी अधिकारी सदर के न्यायालय में विचाराधीन वाद में संपूर्ण कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात उच्च न्यायालय कोर्ट डायरेक्शन TB पत्रावली 26/04/2022 को पत्रावली आदेश हेतु  सुरक्षित की गई और चकबंदी अधिकारी द्वारा प्रतिवादी को अनगिनत बार अवसर प्रदान किया गया। परंतु प्रतिवादी द्वारा मामले को और लंबित करने के लिए अथक प्रयास किया गया।
तत्पश्चात 25/07/2022 को वादी के वारिस दीपक कुमार के पक्ष मे चकबंदी अधिकारी सदर द्वारा ऐतहासिक फैसला आया।
वादी के वारिस दीपक कुमार और उनके परिवार के लोगो ने चकबंदी अधिकारी सदर को धन्यवाद दिया और वादी की तरफ से पैरवी कर रहे सम्मानित वरिष्ट्ठ अधिवक्ता,
एडवोकेट जयंत्री प्रसाद मिश्रा, एडवोकेट राजीव दुबे, एडवोकेट मनोज मिश्रा, एडवोकेट भुलेंद्र यादव को कोटि कोटि नमन करते हुए धन्यवाद दिया साथ ही साथ यूवा अधिवक्ता साथियों का भी धन्यवाद दिया। उन्होने इस अवसर पर आस पड़ोस में मिठाई बाटकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होने ये संदेश दिया की न्याय में देर है परंतु अंधेर नही।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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