स्थानांतरण के संबंध में गलत सूचना देने के आरोप में 29 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सा अधीक्षकों पर हों सकती हैं कार्रवाई

स्थानांतरण के संबंध में गलत सूचना देने के आरोप में 29 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सा अधीक्षकों पर हों सकती हैं कार्रवाई

लखनऊ । यूपी के 29 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सा अधीक्षकों पर कार्रवाई की गाज कर सकती है। इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए महानिदेशालय ने शासन को पत्र भेज दिया है।

सभी पर स्थानांतरण के संबंध में गलत सूचना देने का आरोप है

स्थानांतरण मामले में दो तरह की मिली गड़बड़ियां
प्रदेश में स्थानांतरण मामले में जिलों से आई सूचना में दो तरह की गड़बड़ियां पाई गई हैं। अधिकारियों ने आयुष व दंत चिकित्सकों की गलत जानकारी दी। लेवल-एक, लेवल-दो, लेवल-तीन के डॉक्टरों की सूचना लेवल-एक के डॉक्टर के रूप में दी गई। ऐसे में स्थानांतरण प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई। इतना ही नहीं 48 डॉक्टरों के तबादले निरस्त करने पड़े हैं। इस पूरे मामले में निदेशक (प्रशासन) डॉ. राजा गणपति ने 29 सीएमओ व सीएमए को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा।

सीएमओ व सीएमएस ने ये भेजा जवाब
सभी सीएमओ व सीएमएस ने जवाब भेजा कि उन्होंने सिर्फ हस्ताक्षर किए हैं। सूचना रिपोर्ट लिपिकों ने बनाई थी। गड़बड़ी के लिए संबंधित कर्मचारी दोषी हैं, लेकिन निदेशक (प्रशासन) ने इस जवाब को गलत ठहराया है। उनका कहना है कि जिले में सीएमओ और अस्पताल में सीएमएस नोडल प्रभारी हता है। ऐसे में किसी भी गलत सूचना के लिए वह भी जिम्मेदार है। ऐसे में महानिदेशालय ने सभी 29 सीएमओ व सीएमएस को गलत सूचना देने के लिए दोषी करार देते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी है।

ये था पूरा मामला
प्रदेश में डॉक्टरों के साथ नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं अन्य संवर्ग के कर्मचारियों के संबंध में महानिदेशालय ने मुख्य चिकित्साधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से सूचना मांगी थी। इसी सूचना के आधार पर स्थानांतरण किए गए। ऐसे में कई तबादले शासन की ओर से निर्धारित स्थानांतरण नीति के खिलाफ हो गए हैं। पूरे मामले को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी गठित की। इस कमेटी की पड़ताल में यह बात सामने आई कि जिले स्तर से भेजी गई सूचनाएं गलत थीं, जिसकी वजह से स्थानांतरण पॉलिसी का पालन नहीं हो पाया। इस मामले में सभी सीएमओ व सीएमएस को नोटिस जारी किया गया था।

इन अधिकारियों को जारी हुआ नोटिस
सीएमएस लोकबंधु अस्पताल लखनऊ, सीएमएस एसएसपीजी अस्पताल वाराणसी, सीएमएस मंडलीय अस्पताल आजमगढ़, सीएमओ गौतमबुद्ध नगर, सीएमएस राजकीय जिला संयुक्त चिकित्सालय गौतमबुद्ध नगर, सीएमओ बस्ती, सीएमओ रायबरेली, पंडित कमला पति त्रिपाठी अस्पताल चंदौली के सीएमएस, सीएमओ उन्नाव,सीएमओ मऊ, सीएमओ अमेठी, सीएमओ सीतापुर, सीएमओ बरेली, सीएमओ आजमगढ़, सीएमओ मुरादाबाद, सीएमओ अलीगढ़, सीएमओ कानपुर देहात, सीएमओ संत कबीर नगर, सीएमओ वाराणसी, सीएमओ आगरा, सीएमओ कुशीनगर, सीएमओ हाथरस, एमएमजी जिला चिकित्सालय गाजियाबाद के सीएमएस, सीएमओ भदोही, सीएमओ अयोध्या सीएमओ मेरठ, सीएमओ प्रतापगढ़, सीएमओ चंदौली, विकिरण निदेशालय लखनऊ के अधीक्षक शामिल हैं।

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. लिली सिंह ने कहा कि सीएमओ व सीएमएस के स्पष्टीकरण की पड़ताल की गई है। उन सभी ने कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं। ऐसे में शासन को वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया है। आगे की कार्रवाई शासन स्तर से होगी। साभार आईएन।

सांकेतिक चित्र

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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