बैंगलोर। कर्नाटक के बैंगलुरू से क़त्ल का जो क़िस्सा सामने आया, उसकी पहेली को सुलझाने के लिए पुलिस को वाकई को उतनी ही मेहनत करनी पड़ी जितनी शायद किसी स्टूडेंट को आईटी की पढ़ाई करनी पड़ती है। असल में ये किस्सा एक सीरियल किलर का है जो महज अपनी प्रेमिका की वजह से क़ातिल बन गया। कत्ल के इस क़िस्से में आरोपी कातिल ने पहले तो तीन महिलाओं की हत्या की और फिर उनकी लाश के टुकड़े किए और उन टुकड़ों को उसने शहर के अलग अलग हिस्सों में बिखेर दिए।
किलर और उसकी प्रेमिका |
पुलिस को मिले महिलाओं की लाशों के टुकड़े
इस क़िस्से में दो और क़त्ल होने थे जिसके बारे में उस वक़्त पता चला जब पुलिस ने उस आरोपी को उसकी ही प्रेमिका के साथ गिरफ्तार किया गया। सबसे दिलचस्प ये है कि जिस वक़्त आरोपी ने एक और महिला को मारने की साजिश रच रहा था तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जिस क़ातिल का ज़िक्र यहां एक सीरियल किलर के तौर पर किया जा रहा है उसकी पहचान है सिद्दलिंगप्पा की। जबकि चंद्रकला नाम की महिला उसकी प्रेमिका थी। चंद्रकला की मदद से ही सिद्दलिंगप्पा ने तीनों महिलाओं का क़त्ल किया।
ये कहानी इसी साल के गर्मियों की दिनों की है। जब पुलिस को बेंगलुरू और मैसूर में तीन महिलाओं की लाशों के टुकड़े मिले। शहर में महिलाओं की लाशों के टुकड़े मिलने के बाद जब पुलिस की तफ्तीश शुरू हुई तो कड़ियों से कड़ियां जुड़ते जुड़ते पुलिस ने ये शिनाख्त तो कर ली कि मारी गई महिलाएं सेक्स वर्कर थी।
इस पूरे मामले की तफ्तीश उस वक्त शुरू हुई जब पहली बार पुलिस को 8 जून 2022 को मांड्या इलाक़े की नहर के पास दो महिलाओं के शरीर के कटे हुए अंग मिले। एक शव का हिस्सा बेटनहल्ली के पास बेबी लेक नहर में जबकि दूसरा अरकेरे गांव के पास सीडीएस नहर में मिला था। हालांकि दोनों शवों के बीच क़रीब 25 किलोमीटर का फासला था, मगर पुलिस ने इसलिए दोनों शवों के मामले में एक ही थ्योरी अपनाई क्योंकि दोनों शवों में एक समानता दिखी थी। दोनों ही शवों में महिलाओं के शरीर का निचला ही हिस्सा बरामद हुआ था।
तफ्तीश की शुरुआत हुई तो सिद्दलिंगप्पा का सारा अतीत भी सामने आ गया। कुछ साल पहले सिद्दलिंगप्पा की चंद्रकला से जान पहचान हुई थी। तब चंद्रकला भी सेक्सवर्कर ही थी। लेकिन सिद्दलिंगप्पा जल्दी ही चंद्रकला का ग्राहक से उसका प्रेमी बन गया। हुआ यूं कि चंद्रकला ने जब सिद्दलिंगप्पा को अपने इस पेशे में उतरने की मजबूरी बताई तो वो पिघल गया और उससे मोहब्बत हो गई। इसके बाद चंद्रकला ने सिद्दलिंगप्पा को उन महिलाओं के बारे में बताया जिनकी वजह से वो इस धंधे में उतरने को मजबूर हुईथी। चंद्रकला की बातों का असर ये हुआ कि सिद्दलिंगप्पा ने सभी महिलाओं को उनके किए की सज़ा देने का फैसला कर लिया।
अंधेरे में तीर ही चलाती रही कर्नाटक पुलिस
सिद्दलिंगप्पा ने पहली हत्या मई के महीने में की थी। उस हत्या के बाद उसने लाश को दो टुकड़ों में काटा और अलग अलग हिस्से अलग अलग जगहों पर फेंक दिए। पुलिस को एक महिला की लाश के दो टुकड़े मिले तो वो उसे सुलझाने में जुटी हुई थी। क्योंकि न तो कातिल का पता चल रहा था और न ही क़त्ल के मकसद का। तब पुलिस अंधेरे में ही तीर चलाती घूम रही थी। इसी बीच सिद्दलिंगप्पा ने 30 मई और 3 जून को मैसूम में दो और महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया।
चंद्रकला की मदद से सिद्दलिंगप्पा ने मैसूर में एक घर किराए पर लिया और फिर चंद्रकला के जरिए दोनों महिलाओं को अलग अलग दिनों में दोनों महिलाओं को घर पर बुलवाया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उसने दोनों महिलाओं के शवों के टुकड़े किए और फिर उन टुक़ड़ों को बाइक पर लेकर दोनों ने मांड्या के अलग अलग हिस्सों में फेंक दिए।
सबसे हैरानी की बात ये थी कि इस बार भी पुलिस को महिलाओं के शरीर के निचले ही हिस्से मिले। तब पुलिस ने पूरे मामले को दूसरे एंगल से देखना शुरू किया। पुलिस के सामने चुनौती बड़ी थी कि आखिर वो इन महिलाओं की शिनाख्त कैसे करे और फिर कातिल तक पहुँचने का रास्ता कैसे तलाश करे। पुलिस ने महिलाओं की शिनाख्त करने के लिए पूरे राज्य में कई टीमें तैयार की और 25 से 35 उम्र की गुमशुदा महिलाओं की लिस्ट तैयार करवाई। तब पुलिस के हाथ में 1116 महिलाओं के गुमशुदा होने की लिस्ट मिली। लेकिन इस काम में पुलिस को दो महीने लग गए।
पुलिस को पहली रोशनी दिखाई दी चामराजनगर से जब पुलिस को लापता एक महिला का विवरण लाश से मेल खाता दिखाई दिया। पुलिस ने तब उस महिला के घर पहुँच गई और तमाम दूसरी ज़रूरी शिनाख्त को मिलाया गया तो पुलिस के लिए महिला की शिनाख्त करना मुमकिन हो सका।
कातिल ने खोली अपनी जुबान तो सब हो गए हैरान
उस महिला के मोबाइल की ट्रैकिंग से ये भी पता चल गया कि मोबाइल मैसूर से मांड्या ले जाया गया। तब पुलिस ने उस मोबाइल के नंबरों को ट्रेक किया। जिसमें पुलिस को सिद्दलिंगप्पा समेत कई संदिग्ध नज़र आए।
उसी शक के आधार पर पुलिस ने सिंहलिंगप्पा को चंद्रकला के साथ चौथी हत्या होने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन अभी तक पलिस अंधेरे में थी। क्योंकि सिद्दलिंगप्पा पर सिवाय शक के और कोई सबूत नहीं था।
तब पुलिस ने सिद्दलिंगप्पा से पूछताछ शुरू की। पुलिस की पूछताछ में ही प्याज की पर्तों की तरह ही किस्से खुलने शुरू हो गए और सिद्दलिंगप्पा ने पुलिस के सामने कुबूल किया कि उसने तीन तीन महिलाओं का क़त्ल कब कैसे और क्यों किए।
लेकिन उसके बाद पुलिस के सामने सिद्दलिंगप्पा ने जिस राज से पर्दा हटाया उसे सुनकर न सिर्फ पुलिस बल्कि खुद उसकी साथी रही चंद्रकला तक चौंक गई। उसने पुलिस को बताया कि वो अगला मर्डर चंद्रकला का करने वाला था। और उसकी हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगाकर वो वहां से हमेशा हमेशा के लिए भाग जाने वाला था। उसको ये गुमान हो गया था कि वो एक परफेक्ट किलर है और पुलिस को उसकी किसी भी तरह से भनक नहीं लग सकती।
मगर कहते हैं कि क़ातिल कितना भी सयाना क्यों न हो खून का निशान खुद ब खुद अपनी गवाही दे देता है। वही कुछ सिद्दलिंगप्पा के साथ हुआ।
पुलिस के सामने हालांकि एक बड़ी चुनौती ये है कि उसे मारी गई महिलाओं के शरीर के लापता अंगों की तलाश करनी है, लेकिन उसे इस बात की तसल्ली है कि एक ऐसा सीरियल किलर क़ानून के शिकंजे में आ गया जो अभी कुछ और महिलाओं को मौत के घाट उतारने वाला था। जिनमें से एक उसकी प्रेमिका भी थी जिसकी वजह से उसने खून की होली खेली और जिसकी एक खतरनाक सीरियल किलर की पहचान बन गई। साभार जनमत टीवी।
फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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